-आठ माह में सिर्फ दो चोरियां ही हुई दर्ज, जहरखुरानी फ्री

-कोरोना की वजह से ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट पैसेंजर्स की एंट्री पर लगा है रोक

-सिर्फ कंफर्म बर्थ वाले पैसेंजर्स को ही ट्रेन में चलने की अनुमति

GORAKHPUR: कोरोना काल के चलते पैसेंजर्स के लिए यात्रा करनी थोड़ी मुश्किल जरूर हुई, लेकिन कुछ सुधार भी हुए हैं। इस दौरान ट्रेनों में वेटिंग पर रोक लगाने की ट्रेनों में चोरी और जहरखुरानी पर काफी हद तक ब्रेक लग गया है। सिर्फ कंफर्म बर्थ वाले पैसेंजर्स को ही एंट्री देने से बीते आठ महीने से एक जहरखुरानी का केस सामने नहीं आया है।

सिर्फ पांच चोरी दर्ज

ट्रेनों में होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक ब्रेक लगा है। इस दौरान चोरियां सिर्फ पांच ही दर्ज हुई है। जबकि, सामान्य स्थिति में हर महीने जहरखुरानी के तीन से चार केस दर्ज हो जाते थे। और चोरी की तो हर दूसरे दिन होती थी। लेकिन बीते महीने से दोनों घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगा है। इससे पैसेंजर्स को राहत ि1मल गई है।

वेटिंग ले चढ़ते थे जहरखुरान

जानकारों का मानना है कि जहरखुरानी कभी भी कंफर्म बर्थ लेकर यात्रा नहीं करते थे। वह वेटिंग का टिकट लेकर कोचों में चढ़ जाते थे। वेटिंग टिकट इसलिए ताकि टिकट जांच में पकड़े न जाए। अधिक सामान लेकर चलने वाले पैसेंजर्स के बर्थ पर दोस्ती कर बैठ जाते और चाय या बिस्कुट में नशीला पदार्थ मिलाकर खिला देते हैं। इसके बाद अगले स्टेशन पर जहरखुरान सारा सामान लेकर उतर जाते थे। जहरखुरान शतिराना तरीके से पैसेंजर्स से दोस्ती कर लूट लेते थे। इससे कई रेलकर्मी भी झांसे में आ चुके हैं।

जीआरपी ने किया खुलासा

जीआरपी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, ट्रेनों में होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा चुका है। 2019 में जहरखुरानी के पांच मामले सामने आए। वहीं, 2020 में सिर्फ तीन मामले जहरखुरानी के आए। 2019 में चोरी के 219 मामलों का खुलासा किया गया। जबकि, 2020 में 92 चोरी की घटनाएं सामने आई।

गैगेंस्टर की कार्रवाई

अनुभाग गोरखपुर रेलवे ने 2019 में दो अभियुक्तों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की। वहीं, 2020 में पांच अभियुक्त समेत 17 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई।

वर्जन

कोरोना कॉल में ट्रेनों में होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग चुका है। ऐसा इसलिए कि इस समय सिर्फ कंफर्म वाले पैसेंजर्स ही ट्रेनों में सफर कर रहे हैं। वहीं, जीआरपी टीम भी नजर गड़ाए हैं। ताकि इस तरह की घटनाएं न हो सके।

रंचना मिश्रा, सीओ जीआरपी

कोरोना काल में ट्रेनों के संचालन के बाद जितनी सीट है उतने ही पैसेंजर्स सफर कर रहे हैं। वह भी कंफर्म टिकट पर। इसलिए जहरखुरानी के अलावा अन्य घटनाओं पर ब्रेक लग गया है।

राजेश सिन्हा, इंस्पेक्टर आरपीएफ