गोरखपुर (ब्यूरो)। बुधवार को डीडीयूजीयू की कैंटीन में गोली चलने से सनसनी मच गई थी। आरोपित असलहा लेकर कैंपस में कैसे घुसा? इससे डीडीयूजीयू की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई थी। संतकबीर और एनसी हॉस्टल के स्टूडेंट आदित्य शाही, उत्कर्ष दुबे, अभिनव यादव, शिवरतन, सौरभ आनंद, अभिषेक सिंह सहित आदि ने बताया, बुधवार-गुरुवार रात करीब 1.30 बजे एनसी हॉस्टल में फायरिंग हुई है। इस दौरान उनके चेहरे पर भय नजर आया। सभी ने वीसी से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

संतकबीर हॉस्टल में सिर्फ 1 गार्ड

स्टूडेंट्स का आरोप है कि पूरे संतकबीर हॉस्टल में केवल एक सिक्योरिटी गार्ड तैनात है। गेट पर कोई गार्ड नहीं है। अंदर कोई भी आता जाता रहता है। छात्रों का कहना है कि अगर गार्ड की संख्या बढ़ा दी जाए और पुलिस भी गश्त करने लगे तो इस तरह की घटना कम हो सकती हैं।

हॉस्टल में घुसकर मारपीट

दो गुटों में एनसी हॉस्टल में 26 और 27 मार्च को गोली चल चुकी है। 26 मार्च की रात में पहली बार फायरिंग हुई, घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची। तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। इसके बाद 27 मार्च को दिन में फायरिंग की गई। छात्रों ने बताया, 27 मार्च की रात कुछ गैंग में युवक आए और उन्होंने एक साथी का दरवाजा खटखटाया दरवाजा खोलते ही आरोपी युवक को पीटने लगे। इस दौरान आरोपितों गमछा और हेलमेट लगा रखा था, जिससे उनकी पहचान नहीं हो सकी।

कोट

अराजक तत्व हॉस्टल में ज्यादा रहते हैं। वही झगड़ा करते हैं। दो गुटों के विवाद से सभी स्टूडेंट दहशत में हैं। बुधवार-गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे भी फायरिंग हुई है। बिना सोये हुए जाकर पेपर दिया है।

शुभम पांडेय, स्टूडेंट एनसी हॉस्टल

स्टूडेंट अपने दोस्त और रिश्तेदारों को बुलाकर रखते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो पिछले पांच, दस साल से कमरा छेककर रह रहे हैं। प्रॉक्टर सर को फोन किया जाता है तो वह गाड़ी न होने की बात कहते हुए चौकी इंचार्ज को भेजने का आश्वासन देते हंै।

बिशु चतुर्वेदी, स्टूडेंट एनसी हॉस्टल

कई लोग एक साथ रहते हैं। कभी कोई अनहोनी न हो जाए। इसलिए सतर्क रहना पड़ रहा है। बुधवार देर रात 1.30 बजे फायरिंग हुई है। इसके पहले 26 मार्च को भी फायरिंग हुई थी।

रितुरंजन पांडेय, स्टूडेंट एनसी हॉस्टल

सीनियर स्टूडेंट जूनियर को आकर धमकाते हैं। गेट पर कोई गार्ड नहीं रहते हैं। और ना ही कोई सीसीटीवी कैमरा लगाया है, एक कैमरा बाहर लगाया गया है जिसके तार कटे हैं।

अभिषेक पटेल, स्टूडेंट संतकबीर हॉस्टल

वार्डेन से सीसीटीवी कैमरे को ठीक कराने को कहा है। बावजूद अभी तक खराब है। गेट पर कोई गार्ड नहीं रहता है। अंदर कोई भी आता जाता रहता है। कोई चेकिंग नहीं होती है।

निकेश कुमार, स्टूडेंट संतकबीर हॉस्टल

एक गार्ड हास्टल में है। गेट पर कोई नहीं रहता, कुल मिलाकर कहें तो गार्ड खानापूर्ति के लिए हैं। कोई भी अंदर आ जा सकता है। गार्ड के अलावा पुलिस की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

दयाशंकर, स्टूडेंट संतकबीर हॉस्टल