गोरखपुर (ब्यूरो)। इसमें डिसीजन लिया गया कि डीएम ही कानून व्यवस्था की बैठक लेंगे। इसको लेकर 75 जिलों में आदेश जारी कर दिया गया है। नए आदेश के मुताबिक, डीएम की अध्यक्षता में मीटिंग पुलिस लाइन में होगी। डीएम कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

68 जिलों में डीएम करेंगे रिव्यू

आदेश के तहत प्रदेश के 68 जिलों में डीएम को कानून व्यवस्था की बैठक लेने का अधिकार होगा। बाकी 7 जिलों में पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इनमें कानपुर, लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद शामिल हैं।

डीएम की लगेगी अनुमति

साल 2018 में भी कानून व्यवस्था को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन अब योगी सरकार को इस बात की आवश्यकता महसूस हुई है कि जिलों की कमान डीएम को सौंप दी जाए। जिसके बाद योगी सरकार ने यह निर्णय लिया है। अब बिना डीएम की मंजूरी के थानाध्यक्ष की तैनाती नहीं होगी। पहले पुलिस अधीक्षक ही थानों में थानाध्यक्ष की नियुक्ति करते थे। लेकिन अब उन्हें डीएम की अनुमति लेनी होगी।

ये है सर्कुलर

चीफ सेक्रेट्री के सर्कुलर के मुताबिक, जिन सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं है। उन जिलों में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक पुलिस लाइन में होगी, जिसमें जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी व सभी थानाध्यक्ष प्रतिभाग करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक द्वारा कानून व्यवस्था की बैठक स्वयं के स्तर पर जिलाधिकारी की बैठक से पूर्व कर ली जाए।

कानून व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। एसएचओ की नियुक्ति के संदर्भ में एसएसपी पहल करेंगे। फिर डीएम की अनुमति के बाद नियुक्ति होगी। चूंकि यह व्यवस्था पहले भी थी, लेकिन फिर से यह लागू होगी।

कृष्णा करुणेश, डीएम गोरखपुर