- कांग्रेस ने शीला को बनाया विकास की देवी, तो वहीं उनकी सूनामी में बह गए मुलायम सिंह, अखिलेश और मायावती

- पिछले तीन माह से बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रहा है पोस्टर विवाद

- सभी के टारगेट पर सपा और बसपा भी

GORAKHPUR: जिले के सियासी गलियारों में अभी शांति छाई हुई है। जुबानी जंग फिलहाल न के बराबर है, लेकिन पोस्टर और बैनर के साथ सियासी वार जारी है। बीते दिनों बीजेपी की ओर से जारी पोस्टर के जवाब में इस बार कांग्रेस ने विवादित पोस्टर जारी किया है। इसमें लोकल नेताओं को टारगेट न कर सीधा प्रदेश की राजनीति में सक्रिय सीएम पद के उम्मीदवारों को टारगेट पर लिया गया है। इसमें जहां कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित को विकास की देवी बताया गया है, वहीं विपक्षी दलों को उनकी सुनामी में बहते दिखाया गया है। इस पोस्टर के जारी होने के बाद एक बार फिर सियासत गरमा गई है और तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है।

27 साल यूपी बेहाल

जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता रविवार को शास्त्री चौक पर इकट्ठा हुए। इस दौरान उन्होंने पिछले 27 साल से गैर कांग्रेस राज होने की वजह से यूपी को बेहाल बताते हुए एक पोस्टर लेकर प्रर्दशन किया। इसमें यूपी से कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित को विकास की देवी बताया, वहीं पोस्टर पर 'शीला दीक्षित की सुनामी में, डूब गए जनविरोधी, विकास विरोधी, अहंकारी पानी में' का नारा लिख प्रदेश में कांग्रेस सरकार की मांग की।

चिंतन करते रहे मोदी

जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी पोस्टर में प्रदेश का विकास करने वाले अखिलेश को तो पोस्टर से दूर रखा गया, लेकिन उनके पिता मुलायम सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और ओवैसी को समुद्र की सुनामी में डूबते हुए दिखाया गया। इसमें देश के प्रधानमंत्री का भी न छोड़ते हुए उन्हें परेशान हालत में सिर पर हाथ रखकर चिंतन करते हुए दिखाया गया है। पोस्टर के ऊपर गुलाम नबी आजाद, राजबब्बर और संजय सिंह का फोटो भी मौजूद है, जो सभी मुस्कुरा रहे हैं।

सबको बात रखने का अधिकार

इस बारे में जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव अनवर हुसैन का कहना है कि उन्होंने पोस्टर बनवाकर कोई गलती नहीं की। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस बार विकास की देवी शीला दीक्षित की सुनामी में देश को पीछे ढकेलने वाले लोग बह जाएंगे और शीला दीक्षित प्रदेश की मुख्यमंत्री बन दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश का भी विकास करेंगी। यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने के लिए अभी से एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।