गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखनाथ मंदिर में गुरू पूर्णिमा पूजन का अनुष्ठान सुबह 5 बजे से 7 बजे तक चला। सामूहिक आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णता हुई। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर शिष्यों को आशीर्वचन देते हुए उन्होंने कहा कि कृतज्ञता ज्ञापित करना ही सनातन धर्म की पहचान है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति हमें कृतज्ञता ज्ञापित करने के अवसर देती है। अश्विन माह में पूरे एक पक्ष हम तर्पण के जरिए अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति अपनी संस्कृति को विकसित करने की प्रेरणा तो देती ही है, विकृति से बचे रहने का मार्गदर्शन भी करती है। यह पूरे समाज को साथ लेकर चलने का संदेश देती है।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन

सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी गुरुओं और मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों के समक्ष विधि विधान के साथ पूजन किया। साथ ही देशवासियों को गुरू पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उसके बाद वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, अपने दादागुरू ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत ब्रह्मलीन गुरूओं की समाधि पर गए। सभी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने गुरू गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद अर्पित किया।

गोवंश को दुलारा

गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह मंदिर की गोशाला भी गए। यहां उन्होंने गोवंश को उनके नाम से पुकारा और उनके पास आने पर खूब दुलारा। अपने हाथों से उन्हें गुड़ खिलाया। योगी का दुलार पाकर गोवंश भाव विह्वल नजर आए। एक गोवंश योगी से इस कदर खेलने लगा कि मानो वह किसी बात पर रूठ गया हो। उन्होंने, क्यों नाराज है, कहकर उसके माथे व गर्दन को सहलाया तो वह स्नेहाभिभूत होकर उनसे लिपटने लगा।