गोरखपुर (ब्यूरो).पंडित देवेंद्र प्रताप मिश्र के अनुसार, हरतिालिका तीज के दिन व्रत रख विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरितालिका तीज के दिन व्रती महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि कुंवारी कन्याओं को इस व्रत से मनचाहा वर मिलता है।
ऐसे करें पूजा
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, सुहागिनें सूर्योदय से पूर्व ही जग जाएं। स्नान के बाद श्रृंगार करें। पूजन के निमित्त केले के पत्ते से मंडप बनाकर उसमे गौरी-शंकर और गणेश जी की मूर्ति या चित्रमयी प्रतिमा स्थापित करके पूजन करें। पूजन में गणेश जी को मोदक (लड्डू) व भगवान शिव को नैवेद्य के साथ वस्त्र और माता पार्वती को भोग पदार्थों के अतिरिक्त सुहाग की वस्तु अर्पित अर्पित करें। सायंकाल पुन: प्रदोष बेला विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर तीज व्रत की कथा सुनें। अंत में आरती करके पूजा संपन्न करें। अगले दिन सुबह स्नान कर पूजन-अर्चन कर ब्राह्मणों को पूजन सामग्री के साथ ही सुहाग की वस्तुएं दान कर व्रत का पारण करें।