गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर में पांच हजार से अधिक ऑटो रिक्शा हैं, कई तो ऐसे हैं जो बिना परमिट के ही फर्राटा भर रहे हैं। ऑटो में जहां तीन सवारियों की जगह होती हैं। वहीं, ये सात से आठ सवारी बिठाते हैं, जिसके चलते कई ऑटो रिक्शा दुर्घटना का शिकार भी हुए हैं। नियम के अनुसार ऑटो रिक्शा 16 किमी की परिधि में आ जा सकती है। लेकिन ये इससे अधिक दूरी तक सवारी ढोते हैं।

नाबालिगों के हाथ में स्टेयरिंग

गोरखपुर में दौड़ रहे कई ऑटो को कम उम्र के लोग चला रहे हैं, जिनके पास न तो वाहन चलाने का अनुभव होता है और न ही ड्राइविंग लाइसेंस का। चंद पैसे के लालच में वाहन स्वामी इनके हाथों में स्टेयरिंग थमा देते हैं। यहां तक की इन्हें ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी नहीं होती है।

यहां से होता ऑटो का संचालन

धर्मशाला बाजार, असुरन, पादरी बाजार, मेडिकल रोड, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, यूनिवर्सिटी चौराहा, शास्त्री चौक, नौसड़ चौराहा आदि चौराहों से ऑटो का संचालन होता है।

ऑटो में क्षमता से अधिक सवारी बैठाना गलत है। ओवरलोडिंग पर प्रति सवारी एक हजार रुपए चार्ज वसूला जाता है। ऑटो का हर वर्ष फिटनेस के बाद रजिस्ट्रेशन कराना होता है। पांच वर्ष के लिए वन टाइम टैक्स जमा होता है। समय-समय पर विभाग की ओर से जांच अभियान चलाया जाता है।

संजय कुमार झा, प्रशासन एआरटीओ

यह गंभीर विषय है। पुलिस व आरटीओ की संयुक्त टीम समय-समय पर अभियान चलाती है। लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिलेगी।

डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक

केस-1

यूनिवर्सिटी चौराहे के पास एक ऑटो (यूपी53जीटी6308) में ड्राइवर के साथ 9 सवारी बैठी थीं। ऑटो पैडलेगंज से मोहद्दीपुर की ओर जा रहा था, लेकिन चौराहे पर खड़ी ट्रैफिक पुलिस ने उसे टोका तक नहीं।

केस-2

कचहरी चौराहे पर सवारी भर रहे ऑटो (यूपी53ईटी53) के रजिस्ट्रेशन के दो नंबर गायब मिले। ऑटो में 7 से 8 सवारियां थीं। वह मोहद्दीपुर से कूड़ाघाट होते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर जा रहा था।

फैक्ट एंड फीगर

3 सवारी बैठाने की है परमिशन

7-8 सवारी ऑटो चालक बैठाते हैं

5 हजार ऑटो गोरखपुर में दौड़ रहे

16 किमी। की परिधि में चल सकते हैं ऑटो

1 हजार रुपए प्रति सवारी वसूलते हैं चार्ज ओवरलोडिंग पर