गोरखपुर (ब्यूरो).प्लास्टिक का प्रोडक्शन तो गोरखपुर के निकट क्षेत्रों में ही होता था। मार्केट में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद होने के बाद जो बैग और झोले आ रहे हैं, यह ज्यादातर दिल्ली और गाजियाबाद से ही आ रहे हैं। पेपर बैग की कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है। इसके एक पीस का रेट वजन के हिसाब से 7 रुपए से लेकर 20 रुपए तक है।

पेपर बैग की डिमांड मॉल्स और शोरुम में ज्यादा

पिछले कुछ दिनों से पेपर इंडस्ट्री में काफी तेजी से ग्रोथ देखने को मिल रहा है। आमतौर पर यह बैग शॉपिंग मॉल और ब्रांडेड शोरुम में ज्यादा यूज होते हैं। मगर जबसे प्लास्टिक पर बैन लगा है तभी से इसकी डिमांड और भी जगहों पर बढऩे लगी है। सब्जी और किराने की दुकानों पर प्लास्टिक की जगह जूट और अन्य फैब्रिक्स से बने बैग ने ले ली है।

पेपर बैग के फायदे

- पेपर बैग 100 परसेंट तक री-साइकिल किए जा सकते हैं।

- फेंकने के बाद यह एक महीने के अंदर ही गल के नष्ट हो जाता है।

- इसको बनाने में प्लास्टिक बैग की तुलना में कम एनर्जी लगती है।

- यह जानवरों के लिए भी सुरक्षित है।

- इसका उपयोग खाद बनाने में भी किया जा सकता है।

पेपर बैग डे क्यों?

पेपर बैग डे हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे का मकसद है लोगों को प्लास्टिक की जगह पेपर से बने बैग को यूज करने के बारे में अवेयर करना है।

सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बाद मार्केट में पेपर बैग की डिमांड काफी हद तक बढ़ी है। यह पर्यावरण के लिए एकदम सुरक्षित है और इसको 100 परसेंट तक री-साइकिल भी कर सकते हैं। वजन के हिसाब से मार्केट में इसका अलग-अलग रेट है।

शिवनंदन मिश्रा, पेपर बैग कंपनी ऑनर