गोरखपुर (ब्यूरो)।बच्चे, बुजुर्ग, नवजवान और महिलाओं को अस्पताल तक पहुंंचने की नौबत आ रही है। यही वजह है कि जिला अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में 30 से 40 मरीजों की संख्या पहुंच गई है।

ये है लक्षण

- सिरदर्द, पेट की परेशानी, बुखार, बेहोशी, डीहाईड्रेशन आदि जैसे लक्षण शामिल हैं।

कैसे करें बचाव

-धूप से बचाव के लिए छाता लेकर चलें

- इसके साथ ही ताजे फलों का जूस और ओआरएस का घोल देने की सलाह देते हैं।

- फलों में विशेष रूप से पानी वाले फलों, तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

- इसके अलावा वे ठंडा पानी न पीएं ।

हीट वेव को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट

हीट वेव को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट जारी किया है। इसे लेकर विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। साथ ही हीट वेव से होने वाली बीमारियों और बचाव की सलाह दे रहा। जिला और ब्लॉक स्तर पर सभी हेल्थ कर्मियों की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है। हेल्थ कर्मियों की ओर से लगातार पब्लिक को अवेयर किया जा रहा है। साथ ही दस्तक अभियान के तहत डोर-टू-डोर जाकर क्या करें, क्या न करें इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।

यह कर रहे हैं अवेयर

-दिन में 11 बजे से 4 बजे तक जब अत्यधिक धूप व गर्मी होती है तब बाहर न निकले।

-बच्चों को बाहर धूप में खेलने से मना करें

-हल्के रंगों के सूती वस्त्रों का इस्तेमाल करें

-बाहर निकलते समय पगड़ी, छाता आदि का प्रयोग करें

-लगातार पानी की शिकंजी आदि का सेवन करते रहे

-बाहर काम करने वाले बीच-बीच में छायादार जगह पर विश्राम करें

-बुजुर्ग व बच्चे धूप में बाहर न निकले

-बीमार होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में जाकर इलाज करवाए

-आशा बहू के घर पर ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

अस्पताल में व्यवस्था

-छायादार स्थान पर पंजीकरण की व्यवस्था है

-गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों, बच्चो, गर्भवती माताओं के इलाज के लिए व्यवस्था की गई है।

-इलाज के लिए कूल रूम की व्यवस्था

-ओआरएस एवं अन्य प्रारक्षक दवाओं की उपलब्धता है।

-पेयजल की व्यवस्था की गई है।

-निर्बाध बिजली की उपलब्धता के लिए जनरेटर की व्यवस्था है।

इमरजेंसी और ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हीट वेव के मरीज भी इधर बढ़े हैं। इसके लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम लगाई गई है। हीट वेव से बचाव के लिए उचित सलाह दी जा रही है। अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है। मरीजों के इलाज के साथ दवाएं दी जा रही हैं।

डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल