-दिल्ली से आए मरीज के संपर्क में आए दो अन्य लोगों को दिनभर तलाशती रही पुलिस

- डीएम व एसएसपी के गांव में डेरा जमाने के बाद खोजकर टीबी अस्पताल में किया गया क्वारंटाइन

<-दिल्ली से आए मरीज के संपर्क में आए दो अन्य लोगों को दिनभर तलाशती रही पुलिस

- डीएम व एसएसपी के गांव में डेरा जमाने के बाद खोजकर टीबी अस्पताल में किया गया क्वारंटाइन

GORAKHPUR: GORAKHPUR: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन तो जी-जान से जुटा है लेकिन कुछ लोगों की नासमझी इस लड़ाई को कमजोर बना सकती है। कोरोना पेशेंट्स के संपर्क में आए लोग अपनी नासमझी से और लोगों की जान सांसत में डाल सकते हैं। जैसे रविवार को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से गोरखपुर आए हाटा बुजुर्ग के बाबूलाल के केस में हुआ। उनके संपर्क में आए छह परिजनों सहित इनके संपर्क में आए क्0 लोगों में आठ को तो टीबी अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया गया लेकिन दो अन्य लोग सोमवार को दिनभर कोरोना बम बनकर घूमते रहे। हालांकि देर शाम तक उन्हें भी उरुवा पुलिस की मदद से खोज टीबी अस्पताल में क्वारेंटाइन करा दिया गया। जबकि बाबूलाल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आईसोलेशन वार्ड में एडमिट हैं।

बेटी ने छुए थे कपड़े, परिवार हुआ क्वारंटाइन

बाबूलाल की बेटी के उनके संपर्क में आने से पूरे परिवार के संक्रमित होने की संभावना हो गई थी। बताया जा रहा है कि बाबूलाल के कपड़े बदलने के दौरान उनकी बेटी ने ही उनके कपड़ों को टच किया था जबकि बाबूलाल खुद ही मना कर रहे थे। इसके चलते पूरे परिवार समेत क्म् लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। सभी के सैंपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आरएमआरसी लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं।

दिनभर छकाया, शाम को पकड़ाए

वहीं, बाबूलाल के प्राइवेट एंबुलेंस से उतरने के दौरान संपर्क में आए दो अन्य लोगों को सोमवार के पूरे दिन पुलिस ढूंढती रही। गांव पहुंचे डीएम के विजयेंद्र पांडियन व एसएसपी डॉ। सनील गुप्ता ने सभी को क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया तो पुलिस ने भी तत्परता के साथ दोनों को देर शाम तक तलाश उन्हें भी टीबी अस्पताल में क्वारंटाइन कर दिया।

दिन भर होती रही चर्चा

कोरोना केस की खबर आने के बाद से जिला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठना शुरू हो गया। जबकि पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन की टीम दावा कर रही थी कि सीमाएं सील हैं, शहर की सीमाओं पर मजिस्ट्रेट समेत पुलिस कर्मी तैनात हैं। सीमा पर आने-जाने वालों के डिटेल्स भी लिए जा रहे हैं तो फिर प्राइवेट एंबुलेंस से मरीज आया कैसे और उरूवा की पुलिस कर क्या रही थी? इन तमाम पहलुओं पर भी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। इस बात की भी चर्चा होती रही कि अब तक गोरखपुर प्रशासन पहले चरण के लॉकडाउन में पूरी तरह से पास रहा, लेकिन दूसरे चरण में उसके सारे इंतजाम फेल हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज की तबीयत खराब थी, तो उसे दिल्ली से लेकर यहां नहीं आना चाहिए था। क्योंकि दिल्ली पहले ही हॉट स्पॉट के रूप में तब्दील है। ऐसे में मरीज को यहां नहीं भेजना चाहिए था।

फैक्ट फिगर

- गोरखपुर में क् केस

- संतकबीरनगर में ख्क् केस (सभी का इलाज चल रहा है)

- बस्ती में कुल ख्फ् केस, इसमें क्फ् स्वस्थ हो चुके हैं। एक की मौत हो चुकी है।

- महराजगंज में कुल म् केस थे। सभी ठीक हो चुके हैं।

- कुशीनगर में एक भी कोरोना का केस नहीं है।

- देवरिया में एक भी कोरोना का केस नहीं है।

- सिद्धार्थनगर में एक भी कोरोना का केस नहीं है।

- अयोध्या में कोरोना का एक भी केस नहीं है।

वर्जन

हाटा बुजुर्ग गांव को सेनेटाइज करवा दिया गया है। परिवार के सदस्य समेत अन्य लोगों को क्वारंटाइन करवा दिया गया है। एहतियातन परिवार के सदस्यों के सैंपल आरएमआरसी में जांचे जा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम