- टीबी हॉस्पिटल में क्वारंटीन हैं सैकड़ों कॉलोनीज, आसपास हैं दर्जनों कॉलोनीज

- घर छोड़ गांव चले गए कई कॉलोनीज के लोग

GORAKHPUR: गोरखपुर में कोरोना की दस्तक ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। सबसे अधिक दहशत क्वारंटीन सेंटर बनाए गए टीबी हॉस्पिटल के आसपास की कॉलोनीज में दिख रही है। नंदानगर, सैनिक विहार सहित दर्जनों कॉलोनीज के लोग टीबी हॉस्पिटल में किसी के क्वारंटीन होने या कोई केस सामने आते ही घबरा जा रहे हैं। इसी डर का नताजा है कि इन कॉलोनीज के तमाम लोग घर छोड़ गांव चले गए हैं।

कोरोना से घबराता है दिल

टीबी हॉस्पिटल से थोड़ी दूर पर नंदानगर, सैनिक विहार के अलावा कई कॉलोनीज हैं। नंदानगर में रहने वाले जगमोहन पांडेय कहते हैं कि कोविड 19 किसी व्यक्ति के छूने से भी हो सकती है। इसलिए बगल के टीबी हॉस्पिटल से केस की जानकारी मिलती है तो घबराहट होने लगती है। किसी में कोरोना की पुष्टी होने पर तो कॉलोनीवासियों की रूह ही कांप जाती है। हाल ये है कि टेंशन में लोगों की रातों की नींद तक उड़ गई है। सभी एक दूसरे को बाहर न जाने का एडवाइस देते रहते हैं। टीबी हॉस्पिटल में लोगों को क्वारंटीन करने का सिलसिला जारी है इसलिए कॉलोनी के लोग घबराए हुए हैं।

परिवार सहित निकल रहे गांव

कोरोना के डर का आलम यह है कि कॉलोनीज के तमाम लोगों ने गांव का रुख करना भी शुरू कर दिया है। नंदानगर कॉलोनी में रहने वाले घनश्याम कुमार बीते शनिवार की रात अपने मोबाइल पर मैसेज देख रहे थे। इसी बीच मैसेज से पता चला कि बगल के टीबी हॉस्पिटल में एक और संदिग्ध कोरोना पेशेंट आया है। इससे घबराए घनश्याम ने रिलटिव्स को कॉल किया। जब उन्हें पता चला कि टीबी हॉस्पिटल में कई लोगों को क्वारंटीन किया गया है। अगले दिन वे परिवार सहित गांव चले गए। कॉल पर बात हुई तो उन्होंने बताया कि रात में डर लगता था इसलिए फैमिली मेंबर्स के साथ गांव चले गए।

आते-जाते भी लगता डर

नंदानगर कॉलोनी के ललित मोहन पांडेय ने बताया कि जरूरी सामान लेने के लिए बाहर जाना पड़ता है। बाहर निकलते समय घर के लोग कई बार एक ही बात समझाते हैं। हालांकि बाहर जाने से पहले दिमाग में यह रहता है कि किसी भी व्यक्ति से संपर्क न हो। क्योंकि नंदानगर और एयर फोर्स का मेन रास्ता है जिससे एक रास्ता टीबी हॉस्पिटल के लिए भी जाता है। हॉस्पिटल की दूरी करीब 500 मीटर है इसलिए इधर जाने पर डर लगता है।

कोट्स

कॉलोनी के बगल में ही टीबी हॉस्पिटल है। आए दिन यहां संदिग्धों को क्वारंटीन किया जा रहा है इसलिए डर लगता है। कॉलोनी के लोग केवल जरूरी सामान लेने के लिए ही बाहर निकलते हैं। सोशल मीडिया या मोबाइल पर मैसेज आने पर घबराहट होती है।

- एसडी मौर्या, अवध विहार

गोरखपुर में कोरोना पेशेंट मिलने के बाद सभी की हालत खराब हो गई है। ये सोचकर मन घबराता है। बहुत सी बीमारियां आईं लेकिन इस बीमारी की दहशत अलग ही है। बच्चे भी बार-बार कोरोना कब खत्म होगा यह पूछते हैं।

सुभाष सिंह, सैनिक कुंज

कॉलोनी से एक किमी दूरी पर टीबी हॉस्पिटल है। यहां पर जब कोरोना संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन किया गया तो ठीक था। लेकिन पता चला कि अस्पताल में ही कुछ केस पॉजिटिव मिले हैं तो डर लगने लगा है। अब तो रात में भी डर लगता है इसलिए घर से बाहर नहीं निकल रहा हूं।

- इंद्रदेव सिंह, सैनिक कुंज