गोरखपुर (ब्यूरो)।यह सीट क्नीनिकल ब्रांच में है। जिसमें जनरल सर्जरी, मेडिसिन, आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक, स्किन जैसे विभाग शामिल हैं। पीजी स्टूडेंट की मदद से एम्स में इलाज आसान हो जाएगा। एडमिट पेशेंट्स को बेहतर इलाज मिल सकेगा। यह जानकारी बुधवार को एम्स के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने दी। इस दोरान एम्स की कार्यकारी डायरेक्टर डॉ। सुरेखा किशोर मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि एम्स में सबसे बड़ी प्रॉब्लम टीचर्स की कमी की है। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कई अहम फैसले किए गए। विदेश में मौजूद टीचर्स को भी एम्स से जोड़ा जाएगा। विदेशों के प्रीमीयर इंस्टीट्यूट के टीचर्स को बुलाने के लिए एम्स के नियमों को ढीला करने का फैसला किया गया है। इससे उन्हें लंबे समय तक रने का बॉड नहीं भरना पड़ेगा। ऐसे टीचर एक साल तक गेस्ट टीचर के तौर पर पढ़ा सकेंगे। उन्होंने बताया कि एम्स में प्रोफेसर, एडिशनल प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के कई पद खाली हैं। कई डिपार्टमेंट में सीनियर पद खाली है जबकि निचले पदों पर टीचर्स की नियुक्ति के लिए फ्लैक्सिबल कंप्लीमेंटिंग स्कीम लागू की जाएगी। इसके तहत टीचर का निचले पद पर चयन होगा। समय के साथ उसे वरिष्ठता और प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा।

जुलाई से हो जाएगा पीजी स्टूडेंट्स का प्रवेश

उन्होंने बताया कि इसी वर्ष जुलाई में पीजी स्टूडेंट्स का प्रवेश हो जाएगा। इसके साथ ही 300 बेड के अस्पताल के संचालन में टीचर्स को सहूलियत हो जाएगी। पीजी स्टूडेंट तीन वर्ष में कोर्स पूरा करेंगे। हर साल 16 नए स्टूडेंट मिलेंगे। साथ ही अन्य डिपार्टमेंट्स में भी पीजी शुरू करने की कवायद की जाएगी।

तीन दिन एम्स में जमे रहे अध्यक्ष

बताया जा रहा है कि एम्स के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा सोमवार को पहुंच गए। वह तीन दिन तक अलग-अलग डिपार्टमेंट््स के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, एमएमएमयूटी के कुलपति, कमिश्नर और एडीजी के साथ भी बैठक की।