- 10 साल में नहीं हुआ पर्दाफाश, बंद हो चुकी है फाइल

- गोरखनाथ में रामलीला कमेटी के महामंत्रियों की हुई थी हत्या

- अन्य कई वारदातों में नहीं मिला सुराग

- क्राइम फाइल्स

शहर के भीतर मर्डर की कई सनसनीखेज वारदातें हुई। पुलिस ने उनका मुकदमा दर्ज किया। कुछ दिनों तक कातिलों की तलाश चलती रही। नतीजा शून्य मिलने पर फाइलों को आलमारी में दबा दिया गया। एक दशक के भीतर ऐसे तमाम मामले सामने आए, जिनका पर्दाफाश करने में पुलिस नाकाम रही। जुलाई में ऐसे मामलों को चिह्नित कर फाइलों को पूरी तरह से बंद करने का निर्देश तत्कालीन एसएसपी ने दिया था। वजह साफ थी कि हर बार जांच के निर्देश पर पुलिस कोई सुराग न मिलने का हवाला देकर थानों की पुलिस फाइलों को क्लोज कर देती है। इसलिए न तो हत्यारों का पता चला और न ही हत्या के साजिशकर्ताओं की कोई जानकारी मिली।

तलाश में बीत गया दशक, नहीं मिले कातिल

2011 में 10 माह के भीतर दो सनसनीखेज मर्डर हुए। दोनों वारदातों में शूटर ने धर्मशाला बाजार रामलीला कमेटी के महामंत्रियों को शिकार बनाया। बिल्कुल नजदीक से उनकी खोपड़ी में गोली मार दी। रात के सन्नाटे में गोली चलने की आवाज किसी को नहीं सुनाई पड़ी। मर्डर के बाद कुछ दिनों तक रंजिश, प्रॉपर्टी के विवाद सहित अन्य तरह के सवालों में उलझी पुलिस क्लू तलाशती रही। लेकिन शूटर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। आज इन घटनाओं के करीब 10 साल बीत गए हैं, लेकिन पर्दा नहीं उठा सका है।

केस 01

पता नहीं किसने उनको मार दी गोली

09 नवंबर 2011 की देर रात रामलीला कमेटी धर्मशाला बाजार मोहल्ले के हरिमोहन शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घर के पास ही उनकी डेड बॉडी सड़क किनारे देखकर लोगों ने शोर मचाया। इसके बाद फैमिली मेंबर्स घटना को जान पाए। उनके सिर में एक गोली मारी गई थी। घटना के दूसरे दिन लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। एक बाहुबली का नाम लेते हुए गंभीर आरोप लगाए। कुछ दिनों की जांच के बाद यह प्रकरण शांत हो गया।

केस 02

घर वाले नहीं जान पाए, कब चली थी गोली

11 जनवरी 2011 की शाम करीब सात बजे की बात है। धर्मशाला बाजार में रहने वाले रामलीला कमेटी के महामंत्री कक्कू यादव अपने कमरे में हीटर जलाकर हाथ सेंक रहे थे। परिवार के लोग दूसरे कमरे में थे। तभी बदमाशों ने उनके सिर में गोली मार दी। इस बात की भनक किसी को नहीं लगी। कातिल आराम से चले गए। उनकी एक बेटी कमरे में पहुंची तो पिता को गिरा देखकर शोर मचाने लगी। उसने समझा कि पिता को करंट लग गया है। हॉस्पिटल ले जाने पर मालूम हुआ कि गोली मारी गई थी। अज्ञात के खिलाफ गोरखनाथ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में इस मामले को लोग भूल गए।

केस 03

घर लौटते समय हुआ मैनेजर की हुई हत्या

शाहपुर एरिया में अशोक नगर कॉलोनी में 29 सितंबर 2015 की रात में हुई। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक रोड के एरिया मैनेजर दीनानाथ यादव रात में अपनी कार ड्राइव करते हुए घर लौट रहे थे। कॉलोनी में घर से थोड़ी दूरी पर दो बाइक पर पांच बदमाश खड़े थे। दीनानाथ की कार को देखते हुए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं। पत्‍‌नी और बच्चों संग मोहल्ले में रहने वाले दीनानाथ बैंक में हुए करोड़ों रुपए की हेराफेरी की जांच में जुटे थे। इस घटना से गोरखपुर दहल गया था। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने पूरे इलाके का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। लेकिन किसी तरह का क्लू हाथ नहीं आया। पांच साल बाद भी बैंक मैनेजर के कत्ल में शामिल शूटर का कोई सुराग नहीं मिला।

केस 04

कमरे किया था सीनियर सिटीजन महिला का मर्डर

कैंट एरिया के दाउदपुर मोहल्ले में प्रदेश सरकार के पूर्व डिप्टी सचिव कैलाश पति सिंह का मकान है। कैलाश पति सिंह की मौत के बाद घर में अकेली उनकी पत्‍‌नी शांति देवी रह गई। करीब 80 साल की बुजुर्ग महिला की 10 अक्टूबर की रात डेड बॉडी मिली। किचन में उनके सिर पर हमला कर हत्या करने के बाद डेड बॉडी को ड्राइंग रूम स्थित बेड पर सुला दिया गया था। हत्या की जांच में लगी पुलिस शुरू में तेजी दिखाती रही। बाद में पुलिस ने इस घटना को भूलने वाली लिस्ट में शामिल कर लिया।

केस 05

घर में पिता और भाई, फिर किसने ली रश्मि की जान

03 नवंबर 2018 की देर शाम राजघाट के पांडेयहाता मोहल्ले में शैल कुमार पांडेय की 35 साल की शादीशुदा बेटी रश्मि की गरदन काटकर हत्या कर दी गई। घटना के समय पिता सत्संग में गए थे। भाई ने सब्जी लेने जाने की बात पुलिस को बताई। अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन करती रही। किसी करीबी के हत्या में शामिल होने की बात सामने आई। लेकिन फिर यह पता नहीं चल सका कि रश्मि का मर्डर किसने और क्यों किया था। यह राज भी दफन हो गया।

समय के साथ बंद हुई इनकी फाइलें

31 दिसंबर 2016: खोराबार एरिया में फोरलेन के पास हत्याकर फेंकी गई युवती की डेड बॉडी मिली थी। बदमाशों ने सिर में गोली मारकर चेहरा कूंच दिया था। युवती की पहचान न होने से वारदात का खुलासा नहीं हो सका।

23 जुलाई 2015: तरकुलहां मेला परिसर में अज्ञात महिला की डेड बॉडी मिली। हत्या के बाद बदमाशों ने उसको फेंक दिया था। महिला की पहचान नहीं हो सकी। हत्यारों का सुराग लगाने में पुलिस नाकाम रही।

09 मार्च 2015: बड़हलगंज कस्बे में बुजुर्ग महिला विंध्यवासिनी देवी की हत्या कर दी गई। गला कसने के बाद उनके बदन पर तेजाब डाला गया था। पुलिस की जांच में एक करीबी पर शक की उंगली उठी। बाद में यह मामला भी दब गया। इस मामले में भी फाइनल रिपोर्ट लग गई थी।

वर्जन