गोरखपुर (ब्यूरो)। थाना क्षेत्र के बदमाश की हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद पुलिस उनकी निगरानी करती है। उनकी सभी गतिविधियों की जानकारी रखी जाती है। बीट पुलिस आफिसर की जिम्मेदारी होती है समय-समय पर उनके बारे में सूचनाएं दर्ज करें। साथ ही हलका दरोगा और थाना प्रभारी उनका वेरीफिकेशन करते रहें। सीनियर पुलिस अफसरों के बार-बार कहने के बावजूद पुलिस टीम लापरवाही बरत रही है।

क्या है मामला?

30 सितंबर की रात रामगढ़ताल एरिया के मॉडल शॉप कर्मचारी मनीष प्रजापति की मनबढ़ों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में मैनेजर ने खुद को कोतवाली एरिया में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर का भाई बताने वाले युवक सहित करीब 15 के खिलाफ केस दर्ज कराया। मामला सामने आने पर एडीजी ने इस प्रकरण की जांच कराई। तब मालूम हुआ कि हिस्ट्रीशीटर का नाम रजिस्टर में दर्ज ही नहीं है। हलका दरोगा और बीपीओ ने डोजियर नहीं भरा है। एडीजी ने इस प्रकरण की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने का निर्देश दिया। इसके बाद से ही जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

वॉट्सएप ग्रुप वाले दबंगों की तलाश करेगी पुलिस

जिले में महाकाल, महादेव, जय हनुमान सहित कई नामों से वॉट्सएप ग्रुप बनाकर मनबढ़ युवक लोगों को परेशान कर रहे हैं। पूर्व में झंगहा एरिया में दो ग्रुपों के वर्चस्व में डबल मर्डर हुआ था। इसके अलावा गुलरिहा क्षेत्र में ईगल ग्रुप के मनबढ़ आए दिन मारपीट और विवाद करते रहते थे। ऐसे ग्रुप की सक्रियता की जानकारी पुलिस को दोबारा मिली है। इसलिए सभी थाना क्षेत्रों की पुलिस को एसएसपी ने जांच करने का निर्देश दिया है। पुलिस का कहना है कि ग्रुप में जुड़े मनबढ़ कोई सूचना और वॉट्स लोकेशन मिलने पर तत्काल पहुचते हैं।

कोतवाली सहित अन्य थानों के हिस्ट्रीशीटरों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। वॉट्सएप ग्रुप बनाकर विवाद करने वाले मनबढ़ों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी