-प्राणी उद्यान विभाग ने ट्रांसमिशन से लाइन शिफ्ट करने की मांग

-पावर ट्रांसमिशन के अभियंताओं ने चार दिन पहले की सर्वे

-भूमिगत केबिल लगाने में खर्च होंगे 30 करोड़ रुपये

GORAKHPUR:

महानगर के तारामंडल एरिया में नव निर्माणाधीन राजकीय प्राणी उद्यान यानि चिडि़याघर परिसर व उसके गेट के सामने से गुजर रही 132 केवी की हाईटेंशन लाइन को शिफ्टिंग के लिए पावर ट्रांसमिशन के अफसरों ने मंथन शुरु कर दिया है। चार दिन पहले ट्रांसमिशन जोन के चीफ इंजीनियर, एक्सईएन, एसडीओ व जेई ने मौके पर जाकर सर्वे किया। लाइन को शिफ्ट करने में रामगढ़ताल, नाला व घनी आबादी का अड़चन बन रहे है। अभियंताओं ने टावर-27 से टावर 33 तक तार को भूमिगत केबिल लगाने पर भी विचार किया। जिस पर 30 करोड़ का खर्च का अनुमान है। हांलाकि निगम के अभियंता अन्य संभावनाओं पर भी विचार कर रहे है।

पहले बढ़ाई जानी थी पोलों की ऊंचाई

पहले पोलों की ऊंचाई बढ़ायी जानी थी लेकिन बाद में उद्यान विभाग के अफसरों ने ट्रांसमिशन को लाइन शिफ्टिंग कराने के लिए पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि जब तक तार शिफ्ट नहीं होंगे तब तक जू-अथॉरिटी जानवर ले आने की अनुमति नहीं देगा। जिसका संज्ञान लेकर बीते शनिवार को ट्रांसमिशन जोन के चीफ इंजीनियर पीएन उपाध्याय, एक्सईएन राम सुरेश, एसडीओ व जेई की टीम ने सर्वे किया। सूत्रों के मुताबिक लाइन शिफ्टिंग में कई अड़चने हैं।

तीन किलो मीटर तक बिछानी पड़ेगी केबिल

बरहुआ से आने वाली 132 केवी लाइन टावर नंबर 27 से 33 तक करीब तीन किलो मीटर तक लाइन शिफ्टिंग करना होगा।

शिफ्टिंग के लिए लेनी होगी एनओसी

ट्रांसमिशन कारपोरेशन के जिम्मेदारों का कहना है कि लाइन शिफ्टिंग के लिए जीडीए, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम से एनओसी मिलने के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा।

कोट

लाइन शिफ्टिंग में कई अड़चने है। कमिश्नर से बात की जाएगी। संबंधित विभागों के साथ मीटिंग की जाएगी। उस के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।

ई। पीएन उपाध्याय, चीफ इंजीनियर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि।