गोरखपुर (ब्यूरो)। बता दें, गोरखपुर में राप्तीनदी से सटे बंधे में अक्सर रिसाव के कारण शहर के डूबने की चांसेज बढ़ी रहती हैैं। वहीं डोमिनगढ़ नदी के उफान पर आने से शहर में डर और दहशत का महौल बन जाता है। बंधे से सटे दर्जन भर से उपर कॉलोनियां प्रभावित होने लगती हैैं। लेकिन इस बार बरसात के दिनों में बाढ़ के बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन की टीम राहत कार्य में जहां जुटने की तैयारी की है।

हाईटेक होगा इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर

इस बार बाढ़ पर नजर रखने और बाढ़ प्रभावित इलाकों पर पैनी नजर रखने के लिए इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी) बनाया गया है। जिसमेंं स्थापित वायरलेस सेट, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग हॉल, सूचनाओं को प्रेषित किए जाने के लिए सारे इक्विपमेंट लगाए गए हैैं। साथ ही नदियों में बह रहे जल के स्तर की सूचना को भी यहां से कलेक्ट किया जा सकेगा। जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि वायरलेस सिस्टम के माध्यम से जिले भर में सभी तहसीलों व राज्य स्तर पर संचालित स्टेट ईओसी के साथ जोडऩे की तैयारी हैै।

अब 200 मीटर तक तैरना सीख गए जवान

उन्होंने बताया कि राजघाट राप्ती नदी पर 7 जुलाई 2022 को मॉक एक्सरसाइज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। राजघाट से तकिया घाट प्रशिक्षण स्थल बनाए गए हैैं। जहां 11वी एनडीआरएफ की टीम एसएसबी जवानों को बाढ़ प्रबंधन संबंधी ट्रेनिंग देगी। संचालन कर रहे इंस्पेक्टर ओपी गुप्ता बताते हैैं कि पहले 99 जवानों में से मात्र 40 से 45 जवान तैरना जानते थे और 50 मीटर तक कर लेते थे, वे अब ट्रेंड हो चुके हैैं। अब सभी जवान लगभग 200 मीटर तैरना सीख चुके हैं।

146 अति संवेदनशील गांव

जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि बाढ़ के दृष्टिगत जिले में जितने भी संवेदनशील नदियां है। उन नदियां के तटबंध, 86 बाढ़ चौकी, 83 राहत केंद्र व राहत शिविर, पूर्व वर्षों में नदियों का जलस्तर, घटित घटनाएं हुई हैैं। उन सभी की स्टडी हो चुकी हे। इसके लिए तैयारियां भी कर ली गई हैैं। उन्होंने बताया कि तहसीलों के माध्यम से 146 ग्राम का चयन किया गया है, जोकि बाढ़ के दृष्टिगत अति संवेदनशील है। इन गांवों की बाढ़ सुरक्षा समिति और कम्युनिकेशन प्लान का निर्माण कार्य कराया गया है। यहां पर आपदा मित्रों व सखियों के माध्यम से ग्राम वासियों को जागरूक व ट्रेंड किया जा रहा है।

इन नंबर्स से मिलेगी हेल्प

0551- 2201776, 9454416252, 9555786115