- महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के इनॉगरेशन पर बोले राष्ट्रपति- गोरखपुर सिटी ऑफ नालेज के रूप में विकसित हो रहा

- 52 एकड़ में तैयार होने वाले आयुष विश्वविद्यालय का भूमिपूजन

GORAKHPUR:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को गोरखपुर में प्रदेश के सबसे पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। भटहट के पिपरी में शिलान्यास समारोह में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में आयुष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके बाद बालापार रोड स्थित सोनबरसा में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के इनॉगरेशन पर राष्ट्रपति ने कहा, तीन वर्ष से कम समय में मुझे दोबारा गोरखपुर आने का अवसर मिला। मुझे खुशी और विश्वास भी है कि गोरखपुर सिटी ऑफ नालेज के रूप में विकसित हो रहा है। राष्ट्रपति के इस वक्तव्य ने कार्यक्रम परिसर में मौजूद जनसमूह में ऊर्जा का संचार कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्मृति चिह्न देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रथम महिला सविता कोविंद और राज्यपाल आनंदीबेन पटेन का स्वागत किया।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति ने कहा, पूरे भारत में नाथ पंथ ने शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा भाव से खुद को समर्पित किया है। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में जिस प्रकार से महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने का कार्य किया है। यह निश्चित तौर पर सिटी ऑफ नॉलेज के सपने को साकार करता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने दोहराया कि पूरे भारत में नाथ पंथ का नाम है। रोहिनी नदी और राप्ती नदी के तट पर गुरु गोरक्षनाथ की पावन तपस्थली है। ऐसी जगह पर शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में गोरखनाथ विश्वविद्यालय युवाओं के लिए काफी मददगार साबित होगा। राम प्रसाद बिस्मिल, विद्या निवास और फिराक गोरखपुरी की धरती पर शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ता हुआ देख काफी गर्व महसूस हो रहा है। इस मौके पर गोरखनाथ यूनिवर्सिटी वीसी डॉ। अतुल वाजपेयी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका गर्ग, पूर्व कुलपति वीर बहादुर सिंह यूनिवर्सिटी प्रो। उदय प्रताप सिंह मौजूद रहे।

नई शिक्षा नीति से प्राप्त होंगे रोजगार के अवसर

राष्ट्रपति ने बताया, नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार परक बनाए जाने के लिए नई शिक्षा नीति में ठोस कदम उठाए गए हैं। ऐसी शिक्षा नीति जो शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण और भारतीय संस्कृति से अवगत कराने में मदद करेगी। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले संस्थान में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के भीतर त्याग-परित्याग के साथ भारतीय संस्कृति के अनुरूप शिक्षा है। नई शिक्षा नीति से निश्चित तौर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी में रोजगार परक पाठ्यक्रम लागू होने से यहां के स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा। एलोपैथ पाठ्यक्रम भी यहां जल्द शुरू होंगे।

एजुकेशन हब के रूप में तैयार होगा गोरखपुर

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, भारतीय संस्कृति, साधना की पवित्रता के साथ जीने वाले गोरखपुर की धरती गौरवपूर्ण है। 1932 से काम कर रही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में अलख जगाने का काम किया है। प्राथमिक से लेकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सिटी ऑफ नॉलेज के सपने को पूरा किया है। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल व रोजगार को बढ़ावा देने वाली महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी मिसाल बनेगी। महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी व आयुष विश्वविद्यालय के खुल जाने से गोरखपुर एजुकेशन हब के रूप में तैयार होगा। स्टूडेंट्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से स्नातक स्तर पर रुचि के अनुसार कॅरियर का चुनाव कर सकेंगे।

सेवाभाव से शिक्षा और चिकित्सा में मदद करेगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी के उद्घाटन से पहले भारत माता की जय व वंदेमातरम् के उद्घोष के साथ मंच पर विराजमान सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। महामहिम के सिटी ऑफ नॉलेज के सपने को साकार करने में कदम आगे बढ़ाने का प्रयास है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्देश्य भी यही है कि शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार पाठ्यक्रम के तहत युवाओं को शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा, सूर्य और चंद्र की तरह लोक कल्याण करना ही इस विश्वविद्यालय का मकसद है। अद्भूत संयोग है कि कुछ देर पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास महामहिम के हाथों हुआ और कुछ ही देर बाद महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी का उद्घाटन। यह इस बात का साक्षी है कि सिटी ऑफ नालेज के सपने को साकार करने में हम अग्रसर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपने को साकार करते हुए नई शिक्षा नीति के लिए धर्मार्थ संस्था के रूप में सेवाभाव हम कर सकते हैं। गोरखनाथ विश्वविद्यालय सेवाभाव से ही शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करेगा।

बटन दबाकर शिलान्यास पट्टिका का अनावरण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नींव की ईट रखकर भूमिपूजन किया। मंच पर पहुंचकर उन्होंने बटन दबाकर महायोगी गुरु गोरखनाथ शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया। शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति की धर्मपत्नी और राष्ट्र की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, आयुष मंत्री डॉ। धरम सिंह सैनी, सांसद रविकिशन शुक्ला और पिपराइच विधायक महेंद्रपाल सिंह मौजूद रहे।

25 मिनट गोरखपुर में बोले महामहिम, 5 प्रेरणादायी बातों से बढ़ाया उत्साह

14 मिनट पिपरी में दिया वक्तव्य

11 मिनट सोरबरसा में किया संबोधित

आयुष विश्वविद्यालय तैयार होने पर यूपी के सभी आयुष संस्थान इससे संबंद्ध होकर और बेहतर कार्य करेंगे।

किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए शरीर पहला साधन होता है।

आयुर्वेद प्राचीनतम चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने का कार्य किया।

शिक्षा व चिकित्सा में गोरखनाथ विश्वविद्यालय युवाओं के लिए मददगार साबित होगा।