- महुईसुघरपुर के पास पब्लिक टॉयलेट की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश

- पब्लिक ने नगर निगम के जेई पर भू माफिया से मिलीभगत का लगाया आरोप

GORAKHPUR: स्वच्छता अभियान को बढ़वा देने के पीएम की कोशिशों पर यहां एक्टिव भू माफिया की मनमानी भारी पड़ रही है। शहर के महुईसुघरपुर में बने पब्लिक टॉयलेट को तोड़कर वहां की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश का मामला सामने आया है। यहां के लोगों का आरोप है कि नगर निगम के जेई की मिलीभगत से भू माफिया इस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। ये हाल तब है जब प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदारों को भू माफिया पर नकेल कसने के सख्त निर्देश दे रखे हैं।

तो क्या निगम को पता है?

महुईसुघरपुर स्थित बगहा बाबा मंदिर से 100 मीटर दूर ठीक तिराहे पर एक पब्लिक टॉयलेट है। इसका निर्माण 25 साल पहले तत्कालीन विधायक शिवप्रताप शुक्ला ने प्रशासन को पत्र लिख करवाया था। पांच सीट वाले इस पब्लिक टॉयलेट से एरिया की लगभग 20 हजार आबादी को लाभ हो रहा था। यहां रहने वाले वीरेंद्र निषाद ने बताया कि एक हफ्ता पहले कुछ लोगों ने इसे तोड़ना शुरू कर दिया। पहले लोगों को लगा कि इसे तोड़कर नया बनाया जाएगा, लेकिन बाद में पता चला कि नगर निगम की और से ये जमीन किसी को दी जा रही है। जिसके बाद पब्लिक ने मेयर और नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंप इसकी शिकायत की। चार दिन पहले मौके पर पहुंचीं मेयर ने कार्य रुकवा दिया। लेकिन यहां के लोगों को अभी भी डर है कि कहीं कोई इस जमीन पर कब्जा ना कर ले। वहीं लोगों ने नगर निगम के एक जेई पर भू माफिया से मिलीभगत कर पब्लिक टॉयलेट तोड़वाने का आरोप लगाया है।

गरीबों के पास दूसरा विकल्प नहीं

उधर, पब्लिक टॉयलेट तोड़ दिए जाने से इस एरिया के लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। इस पब्लिक टॉयलेट पर ही निर्भर रहे सैकड़ों गरीब परिवार घर में शौचालय ना होने से बेहद परेशान हैं। नगर निगम पर भू माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा रहे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

कोट्स

यहां के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह पब्लिक टॉयलेट ही विकल्प था। लेकिन नगर निगम की लापरवाही से इन लोगों के लिए संकट खड़ा हो गया है।

- मीना केवट, हाउसवाइफ

स्वच्छ भारत मिशन को फ्लॉप करने की नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। अगर यह पब्लिक टॉयलेट टूट गया तो इस एरिया के दो किमी के दायरे में एक भी पब्लिक टॉयलेट नहीं है।

- अरविंद कुमार पांडेय, रिटायर्ड सर्विसमैन