रेलवे के उच्च अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग

6 अक्टूबर से पहले तक गोरखपुर जंक्शन एक साधारण जंक्शन के रूप में जाना जाता था, लेकिन संडे से इसे विश्व के लंबे प्लेटफार्म के रूप में जाना जाने लगा है। यदि स्टेशन पर यात्रियों से रिलेटेड कोई घटना हो या फिर किसी बड़ी घटना की रिपोर्ट हो, अब रेलवे बोर्ड या फिर रेलवे मंत्रालय तक इसकी रिपोर्ट होगी, जिसकी समीक्षा दिल्ली में बैठे अधिकारी करेंगे।

जारी हुआ निर्देश

रेलवे प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, स्टेशन सुप्रिटेंडेंट, आरपीएफ प्रभारी, जीआरपी प्रभारी, चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर, पार्सल सुप्रिटेंडेंट, चीफ टिकट इंस्पेक्टर इस्ट एंड वेस्ट आदि सुप्रिटेंडेंट की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। इसके लिए इन सभी जिम्मेदारों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

क्या है जिम्मेदारी

स्टेशन सुप्रिटेंडेंट को जहां 1-10 नंबर तक प्लेटफार्म की ओवरऑल जिम्मेदारी होगी। वहीं रेलवे एक्ट के तहत होने वाले मामले में आरपीएफ की अहम भूमिका होगी। स्टेशन पर होने वाली क्राइम के लिए जीआरपी जिम्मेदार होगी। जंक्शन और प्लेटफार्म के साफ-सफाई की पूरी जिम्मेदारी चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर की होगी। ऐसा नहीं है कि इनके लिए यह जिम्मेदारियां कोई नई बात है, लेकिन 6 अक्टूबर के बाद से अन्य स्टेशनों के मुकाबले इनके कद जरूर बढ़ गए हैं। ऐसे में जिम्मेदारियां निभाना भी चुनौती भरा होगा।

स्टेशन पर पहले भी जिम्मेदारियां थी और आज भी है। हां, अब और जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी। इसे निष्ठा पूर्वक निभाने की जरूरत है।

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे