गोरखपुर (ब्यूरो).सितंबर 2021 से लेकर मई 2022 तक विभिन्न स्थानों के लिए एई रेलवे ने 35 किसान रेल चलाई थीं। इन सभी आलू-प्याज और कुछ मोटे अनाज भेजे गए थे। किसानों से एनईआर ने कुल ट्रेनों से 2.39 करोड़ रुपए की आय की, जबकि फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय को सब्सिडी के रूप में 2.19 करोड़ रुपए का भुगतान करना था। एनई रेलवे ने अपनी 35 ट्रेनों से कुल 9933 टन की ढुलाई की थी। रेलवे को किसानों का पैसा तो मिल गया लेकिन फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का पैसा नहीं आया। अब रेलवे ने इस किराए को माफ कर दिया है।

2021 में शुरू हुई थी किसान रेल सेवा

रेल मंत्रालय ने किसानों द्वारा पैदा की जाने वाली सब्जियों को उनके मनचाहे शहर तक पहुंचाने के लिए एक साल पहले किसान एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत की थी। शुरुआत के दिनों में गोरखपुर तक से सेवा नहीं थी लेकिन रेक उपलब्ध होने के साथ ही भुसावल से गोरखपुर तक यह सेवा शुरू कर दी गई।

क्या है किसान एक्सप्रेस

किसान एक्सप्रेस एक तरह की मालगाड़ी है, जिससे किसानों का माल एक-जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जाता है। इस ट्रेन से छोटे किसान भी माल भेज सकते हैं यानी कम लोड के सामान भी इस गाड़ी के जरिए भेजे गए हैं।

जनरल कोच में लोडिंग

किसानों द्वारा बुक कराए जाने वाले उत्पाद जनरल कोच में रख भेजे जा रहे थे। इससे इनके उत्पाद तो ताजा बने ही थे साथ ही निर्धारित समय से काफी पहले ही अपने गन्तव्य तक पहुंच जा रहे थे। इन कोचों के हवादार होने के नाते आलू-प्याज या अन्य किसी भी खाद्य उत्पाद के खराब होने का डर नहीं था।