-राप्तीनगर विस्तार को अब तक नहीं मिल सकी रफ्तार

-विकास कार्य के लिए एक साल पहले हुआ था 20 करोड़ का टेंडर

-नहीं हुआ भुगतान तो ठेकेदार ने भी घटाई निर्माण की स्पीड

GORAKHPUR: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की सुस्ती के चलते राप्तीनगर विस्तार की आवासीय योजना के करीब 800 आवंटियों का आज भी किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। 10 साल बाद भी राप्तीनगर विस्तार में सड़क, नाली, पानी और बिजली की सुविधा जीडीए नहीं दे सका है। जिसके कारण आवंटी यहां अपना मकान नहीं बनवा पा रहे हैं। उन्हें मजबूरी में किराए में पैसे बर्बाद करने पड़ रहे हैं। जबकि राप्तीनगर विस्तार के विकास कार्यो के लिए एक साल पहले ही 20 करोड़ का टेंडर जारी हुआ था। इसके बाद कुछ दिन तक यहां पर काम भी हुआ लेकिन अचानक वो भी रुक गया। जबकि, छह माह में काम पूरा करना था। हाल ये है कि आज एक साल बाद भी ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया कि कोई यहां रहने की हिम्मत जुटा पाए।

जेनरेटर लगा बनवा रहे मकान

राप्तीनगर विस्तार का हाल ये है कि यहां पर जैसे-तैसे कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाकर अपने मकान तो बनवा लिए, लेकिन आज तक वे वहां रहने का सुख नहीं उठा पाए। वहीं मकान बनवाने में भी उन्हें बिजली ना होने की वजह से काफी परेशानियां झेलनी पड़ीं। यहां मकान बनवा रहे हरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि बिजली बिना जेनरेटर लेकर मकान बनवा रहे हैं।

किराए में खर्च कर दी कमाई

अपने घर का सपना हर किसी का होता है। इसी सपने को पूरा करने के लिए 10 साल से 800 आवंटी इंतजार कर रहे हैं। इतने समय में आवंटियों ने अच्छी खासी रकम तो केवल किराए के मकान में खर्च कर दी। इसके बाद भी आगे अभी कितना खर्च होगा इसको सोचकर आवंटी निराश हो रहे हैं।

खड़े-खड़े सड़ गए बिजली के पोल

राप्तीनगर विस्तार में रुक-रुक कर कुछ कार्य होते रहे हैं। यहां पर 10 साल पहले ही बिजली के पोल भी लगाए गए थे ज खड़े-खड़े नीचे से सड़ गए हैं।

पेमेंट ना होने पर रुक गया काम

सूत्रों की मानें तो पूर्व जीडीए वीसी अमित बंसल ने किन्हीं कारणों से राप्तीनगर विस्तार में हो रहे विकास कार्य के ठेकेदार का पेमेंट ही रोक दिया था। जिस कारण ठेकेदार ने भी काम की स्पीड कम कर दी।

कई को अभी तक नहीं मिला कब्जा

800 आवंटियों में से काफी लोग अभी तक कब्जा तक नहीं पा सके हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जीडीए ने अभी ये भी नहीं क्लीयर किया है कि मेन रास्ता कौन है जिससे आगे चलकर प्रॉब्लम आएगी।

कोट्स

इतने दिन से अपना घर न बनने की वजह से कंजस्टेड जगह में रहना पड़ रहा है। जाने कब यहां का काम पूरा होगा।

कीर्ति अस्थाना

बिजली, पानी और सड़क के बिना कौन मकान बनवाएगा। अगर बन भी गया तो इसमे रहेंगे कैसे।

चंद्रकला

इतने संघर्ष के बाद कब्जा मिला तो सड़क, नाली, पानी और बिजली की समस्या ने परेशान करके रख दिया। आखिर कब तक इंतजार करेंगे।

सुनिल गुप्ता

कई बार जीडीए वीसी को भी समस्या से अवगत कराया गया है। इसके बाद भी निर्माण कार्य में ढिलाई हो रही है।

राजेश तिवारी

वर्जन

आधा से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। बाकी काम को अगले तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा। काम की स्पीड को और बढ़ाया जाएगा। किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।

संजय सिंह, चीफ इंजीनियर, जीडीए