-मांग की तुलना में कम आवक से बढे़ फल व सब्जियों के दाम

-व्यापारियों के साथ आम लोग भी परेशान

पहाड़ों पर लगातार बारिश के चलते ट्रकों के पहिए थम से गए हैं। इस कारण सब्जियों और फलों की कीमतों में इजाफा हो गया है। जबकि, पिछले साल फल-हरी सब्जियों के रेट में अंतर था।

फ्रूट विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से वर्तमान में सेब का खेप आ रहा है लेकिन पहाड़ों पर लगातार बारिश के चलते आवक कम है। जिसकी वजह से पहले के मुकाबले फलों के दाम अधिक बढ़े हैं। सितंबर से जम्मू कश्मीर से सेब आने लगेगा। तब रेट में गिरावट आ सकती है। फल-सब्जी विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष अवध गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सब्जियों के रेट बहुत कम थे। लेकिन लगातार बारिश व बाढ़ के कारण सब्जी के दाम कुछ हद तक बढ़े हैं। लोकल सब्जियां आनी बंद हो गई। आगरा और एमपी से ही हरी सब्जियां मंगाई जा रही है। अक्टूबर से लोक सब्जियों की आवक बढ़ने पर रेट में गिरावट आने लगती है।

फल अगस्त 2020 का रेट अगस्त 2019 का रेट

सेब 120-130 70-80

केला 50-60 30-40

अनानास 40-45 30-35

अमरूद 20-30 15-20

अनार 70-80 70-80

मौसमी 40-50 40-45

नोट- फुटकर मार्केट में केजी का रेट

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सब्जी अगस्त 2020 रेट अगस्त 2019 रेट

आलू 30-31 रुपए 10-12 रुपए प्रति किलो

प्याज 10-14 20-22

टमाटर 15-30 12-20

लौकी 10-15 10-15

कददू 05-06 05-06

खीरा 10-15 10-15

बैगन 10-20 10-14

नेनूआ 15-20 15-20

भिंडी 10-12 10-12

नोट-हरी सब्जी केजी में रेट

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सब्जी फुटकर रेट

आलू --- 35 रुपए केजी

प्याज ----- 20 रुपए केजी

टमाटर ---- 60 रुपए केजी

लौकी ----- 40 रुपए पीस

कददू ---- 30 रुपए केजी

खीरा ---- 40 रुपए केजी

बैगन ----- 40 रुपए केजी

नेनूआ ---- 50 रुपए केजी

भिंडी ---- 40 रुपए केजी

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कोरोना संक्रमण काल में मार्केट निकलने पर डर लगता है, लेकिन मजबूरी में बाजार में हरी सब्जी व फल लेने के लिए निकलना पड़ रहा है। मार्केट में सामान के रेट काफी बढ़ गए हैं। जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है।

सरिता द्विवेदी

पहले के मुकाबले वर्तमान में फल व हरी सब्जि्यों के रेट में काफी इजाफा हुआ है। जहां कई तहर की सब्जियां और फल मंगाया जाता था। अब रेट बढ़ने की वजह से कम कर दिया गया है।

काजल रंजन

थोक मंडी में फल-सब्जी के रेट अभी भी बहुत हद तक ठीक है, लेकिन फुटकर में आग सी लगी है। रेट पर किसी भी जिम्मेदार का नियंत्रण नहीं रह गया है। इसलिए मनमाने तरीके से यह दुकानदार रेट बढ़ाकर पैसे ले रहे हैं।

सरस्वती देवी