गोरखपुर (ब्यूरो)। तस्कर इस सांप को गुंटरू चेन्नई से 20 लाख रुपए में लाकर नेपाल वाया चीन भेजने वाले थे। जिसके इन्हें करीब एक करोड़ रुपए मिलने थे। इन सांपों का यूज तंत्र-मंत्र और दवा बनाने में किया जाता है। बेहद दुर्लभ प्रजाति का होने की वजह से इस सांप की तस्करों को मुंह मांगी कीमत मिलती है। तस्करों को गिरफ्तार करने में वन विभाग और डब्ल्यूसीसीबी(वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) की टीम भी मौजूद रही।

एसटीएफ ने वन विभाग को सौंपा सांप

पकड़े गए आरोपियों की पहचान इंदपुर शिवपुर वाराणसी के रहने वाले रमाशंकर मौर्य, गोरखपुर कैंपियरगंज मरहठा के रहने वाले ओमप्रकाश सिंह, जलालपुर आजमगढ़ के रहने वाले राजाराम और गोरखपुर के राजघाट बसंतपुर के रहने वाले सैफुद्दीन के रूप में हुई। एसटीएफ ने बरामद सांप के रख रखाव के लिए वन विभाग को सौंप दिया। आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्यवाही वन विभाग की ओर से की जा रही है।

चेन्नई से सांप लाने के मिले थे 20 लाख रुपए

एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह के मुताबिक, आरोपी रमाशंकर ने बताया कि रेड सैंड बोवा सांप की तस्करी करने वालों का एक बड़ा गैंग है। जिसका सदस्य शैलेंद्र यादव, इमरान खान और अरुण सिंह हैं। इन्हीं लोगों ने रमाशंकर के बैंक खाते में 20 लाख रुपए दिए थे और फिर उसे गुंटरू चेन्नई भेजा। वहां पर कुछ लोग मिले। जो उसे कार में बैठाकर करीब 5 घंटे के सफर के बाद एक जंगल में ले गए। वहीं, पर रमाशंकर को एक बैग में रेड सैंड बोवा सांप दिया गया। जिसे लेकर फिर रमाशंकर चेन्नई से गोरखपुर आया।

नेपाल और चीन में मिलती मुंह मांगी कीमत

आरोपी ने बताया, इससे पहले भी वह कई बार रेड सैंड बोवा सांप की तस्करी कर ला चुका है और उसकी सप्लाई कर चुका है। लेकिन, कई बार लखनऊ पहुंचने से पहले ही सांपों की मौत हो जाती थी, जिसकी वजह से रमाशंकर उसे वहीं फेंक देता था। उसने एसटीएफ को यह भी बताया कि इन सांपों का प्रयोग तंत्र-मंत्र और दवा बनाने के लिए किया जाता है। जिसकी वजह से इन सांपों की नेपाल और चीन जैसे देशों में मुंह मांगी कीमत मिलती है। एसटीएफ अब सांपों की तस्करी करने वाले पूरे नेटवर्क की तलाश में जुट गई है।