गोरखपुर (ब्यूरो)। साधु पर दो साल पूर्व भी हमला हुआ था, लेकिन तब कार्रवाई नहीं हो सकी थी। एडीजी जोन अखिल कुमार ने भी मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने अविलंब घटना के पर्दाफाश का निर्देश दिया है। सहजुआ निवासी साधु हंसराज घर से दूर खेत में अपनी कुटी बनाकर रहते थे। रात वह खाना खाकर झोपड़ी में सो गए। सुबह जब परिजन उनके पास पहुंचे दो देखा उनकी गला काटकर हत्या की गई है। बिस्तर पर खून से सनी बॉडी देखकर लोगों ने शोर मचाया। थोड़ी देर में घटना की जानकारी पाकर वहां अन्य ग्रामीण भी पहुंच गए। सीओ कैम्पियरगंज अजय कुमार सिंह व पीपीगंज थानाध्यक्ष दुर्गेश सिंह भी मौके पर पहुंच गए। मौके पर डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम को भी भेजा गया। पुलिस के मुताबिक हंसराज की तीन बेटियां और एक बेटा है। कुछ दिन पूर्व उन्होंने अपनी चार बीघे भूमि अपनी बहू के नाम लिखी है। पुलिस इसे भूमि विवाद से भी जोड़ कर देख रही है। इसके एक मंदिर पर रहने को लेकर हंसराज का कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। पुलिस उसकी भी छानबीन कर रही है।

पूर्व में हुए हमले में नहीं मिला कोई क्लू

लोगों ने पुलिस अफसरों को बताया कि हंसराज की कुछ भूमि पीपीगंज के गुलरिहा में भी है। वह दो वर्ष पूर्व वहां कुटी बनाकर रहते थे। दो वर्ष पूर्व वहां पर भी उन पर चाकुओं से जानलेवा हमला हुआ था। हमले के बाद हंसराज अपने गांव के पास कुटी बनाकर रहने लगे। गुलरिहा में हुए हमले को लेकर पीपीगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके चलते हमलावर पकड़े तक नहीं गए। पुलिस यह तक नहीं पता लगा सकी कि हमला क्यों और किसने किया था।

वर्जन

साधु हंसराज के मर्डर का जल्द ही पर्दाफाश कर लिया जाएगा। पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं। कई बिंदुओं पर छानबीन जारी है। मामले की जांच की जा रही है। स्वजन की तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।

मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नार्थ