गोरखपुर (ब्यूरो)।इस फैसले के बाद गोरखपुर में कोविड काल में पढऩे वाले करीब 5 लाख बच्चों के पेरेंट्स को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।

स्कूल छोड़ चुके स्टूडेंट्स की वापस होगी फीस

कोर्ट ने एक सवाल के जवाब में ये भी क्लियर किया है कि जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं। उनका साल 2020-21 में वसूली गई फीस का 15 परसेंट अमाउंट काटकर वापस किया जाएगा। जमा फीस को अगले सेशन में एडजस्ट करने और फीस वापस लौटाने के लिए कोर्ट ने स्कूलों को दो माह का समय दिया है।

स्कूल एसोसिएशन की हुई मीटिंग

कोर्ट के आदेश के बाद स्कूल एसोसिएशन की एक मीटिंग भी मंगलवार को आर्गनाइज की गई, जिसमे सभी स्कूलों ने अपनी बात रखी। अधिकतर स्कूलों का ये भी कहना है कि कोविड काल में उनके यहां हर स्टूडेंट्स को फीस में रियायत दी गई थी। सूत्रों की मानें तो स्कूल इस मामले में कोर्ट में भी अपनी बात रखेंगे। कोर्ट जाने की स्कूल तैयारी कर रहे हैं।

कोर्ट ने बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है। इस डिसीजन से हर पेरेंट्स के चेहरे पर मुस्कान लौटी है। कोरोना काल में फीस माफ कराने के लिए पेरेंट्स ने बहुत दौड़ भाग की थी। लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी।

अनुराग त्रिपाठी, अध्यक्ष, पेरेंट्स एसोसिएशन

सरकार से भी गुहार लगाई गई थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इतना जरूर निर्देश जारी किया गया कि फीस बढ़ाई ना जाए। जबकि ऑनलाइन पढ़ाई में सभी स्कूल बंद थे। इसके बाद भी पूरी फीस देना सही नहीं था।

आदित्य जायसवाल, पेरेंट

हमारे लिए कोविड काल बहुत ही चुनौती वाला समय था। बच्चों की पढ़ाई भी काफी डिस्टर्ब हुई। लेकिन इसके बाद भी स्कूलों ने कोई राहत नहीं दी। ऑनलाइन क्लास चलाकर पूरी फीस जमा कराई थी।

आभा त्रिपाठी, पेरेंट

देर से आया लेकिन अच्छा फैसला हाई कोर्ट ने सुनाया है। अब इस आदेश का स्कूलों को फॉलो करना ही चाहिए। कोरोना काल पेरेंट्स के लिए बहुत ही कठिन था। कोर्ट ने अच्छा फैसला सुनाया है।

संतोष चतुर्वेदी, पेरेंट

समय काफी लगा लेकिन फैसला कोर्ट ने बिल्कुल सही दिया है। पेरेंट्स को इसकी ही उम्मीद थी। अब स्कूलों को भी देर ना करके कोर्ट के फैसले के अनुसार फीस लौटा देनी चाहिए।

संदीप श्रीवास्तव, पेरेंट

हम सभी स्कूल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। कोर्ट ने स्कूलों को दो महीने का समय दिया है। जो भी रिवाइज़्ड कोर्ट ऑर्डर आएगा हम उसका भी पालन करेंगे। इस आदेश में स्कूल के सालाना शुल्क के 15 परसेंट डिस्काउंट की बात की गई है। कोरोना में काफ़ी स्कूलों ने पहले ही काफ़ी डिस्काउंट दिया है। वो इस आदेश में नहीं आते हैं।

अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन

कोविड काल में पेरेंट्स की प्रॉब्लम्स को देखते हुए स्कूल की तीन माह की पहले ही फीस नहीं ली गई। जो अमाउंट 15 परसेंट से भी अधिक है। पेरेंट्स की हर प्रॉब्लम में हमेशा स्कूल साथ खड़ा रहा है।

गिरिश चंद्रा, डायरेक्टर, सेंट पॉल्स स्कूल

कोर्ट से डिसीजन आया है। इसकी जानकारी है। हमारे स्कूल एसोसिएशन की मीटिंग आर्गनाइज हुई थी। जिसमे सारी बातें रखी गई हैं। स्कूल भी अपनी बात रखेगा। एसोसिएशन इस पर काम कर रही है।

फादर जोश जार्ज, प्रिंसिपल, लिटिल फ्लावर स्कूल

कोर्ट का निर्णय तो हर हाल में मानना ही है। इससे पहले स्कूल भी अपना पक्ष रखेंगे। हम लोगों ने कोविड काल में फीस में डिसकाउंट किया था। ये सारी बातें भी हमलोग रखेंगे।

विवेक श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रैंपस

कोविड काल में पेरेंट्स को राहत पहुंचाने के लिए हम लोगों ने फीस में छूट की थी। इसके बाद अगर कोई ये कहता है कि उसकी फीस नहीं कम हुई थी तो उसपर विचार किया जाएगा।

राजीव गुप्ता, डाएरेक्टर, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

कोर्ट के फैसले की जानकारी है। आदेश की कॉपी आने के बाद डीएम के सामने उसे रखा जाएगा। इसके बाद जो भी उचित निर्णय होगा उसे लिया जाएगा।

ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस

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