छूट गए पसीने

सुबह स्कूल खुलने के समय तो स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम नहीं लगी, लेकिन जब दोपहर में छुट्टी हुई तो स्कूल से बाहर आते ही स्टूडेंट्स के पसीने छूट गए। उनको लेने आए गार्जियंस भी बच्चों की हालत देखकर परेशान हो उठे। कई गार्जियंस ने स्कूल में टीचर्स और प्रिंसिपल्स से भी यह कहा कि यहां छुट्टी क्यों नहीं की जा रही। लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं था। खुद प्रिंसिपल्स और टीचर्स भी यह चाह रहे हैं कि स्कूलों में छुट्टी डिक्लेयर की जाए।

गार्जियंस का कहना की जाए छुट्टी

इस मौसम में बच्चों को स्कूल भेजते समय पैरेंट्स को बस यही डर लग रहा है कि कहीं बच्चों की तबियत खराब न हो जाए। गार्जियंस का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को बच्चों पर तरस करना चाहिए और जब तक मौसम राहत भरा न हो छुट्टी डिक्लेयर करनी चाहिए।

मेरा नाती क्लास 4 में पढ़ता है। इतनी गर्मी में मेरा भी मन नहीं था कि वह स्कूल जाए लेकिन स्कूल खुला होने की वजह से भेजना पड़ा। जब तक गर्मी कम न हो स्कूल बंद होने चाहिए।

डीपी गुप्ता

गर्मी इतनी अधिक है कि बड़े लोगों से भी सहन नहीं हो रही। ऐसे में मासूम बच्चों की क्या हालत होगी यह कोई भी समझ सकता है।

आनंद मोहन श्रीवास्तव

बच्चों से बढ़कर कुछ भी नहीं है। स्कूल्स को तब तक ओपन नहीं किया जाना चाहिए जब तक मौसम सही न हो। अन्य सिटीज में भी तो इसी वजह से स्कूल बंद किए गए हैं।

ओम प्रकाश

अगर इतनी गर्मी में बच्चे स्कूल जाएंगे तो उनकी तबियत भी खराब हो सकती है। अगर कुछ दिन के लिए स्कूल बंद रखे जाते हैं तो बच्चों को राहत मिलेगी।

संतोष कुमार यादव