GORAKHPUR: डीडीयूजीयू एनएसएस की तरफ से 'कौमी एकता सप्ताह' के क्रम में 'युवा व स्वरोजगार' सब्जेक्ट पर सेमिनार आर्गनाइज्ड किया गया। अध्यक्षता करते हुए प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डॉ। केशव सिंह ने स्वयंसेवकों व स्वयं सेविकाओं को स्वरोजगार के लिए जागरूक करते हुए कहा कि स्वयं के कार्य कर धनोपार्जन करना ही स्वरोजगार है। आज नये भारत के युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात स्वरोजगार के लिए आगे आना चाहिए। स्वरोजगार ऐसा मार्ग है जिससे बेरोजगारी दूर की जा सकती है। स्वरोजगार एक ऐसा वरदान है जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में सहायक है। वर्तमान समय में सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोग्राम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिससे जुड़कर युवा अपना तथा समाज दोनों का विकास कर सकते हैं। डॉ। सिंह ने कहा कि स्वरोजगार के लिए हम स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज को जागरूक कर रहे हैं। प्रोग्राम अधिकारी डॉ। मीतू सिंह ने कहा कि युवाओं को नौकरी के स्थान पर स्वरोजगार को प्राथमिकता देनी चाहिए। जिससे कि वे आत्मनिर्भर हो सकें तथा अन्य लोगों को भी धनोपार्जन के अवसर दे सकें। स्वरोजगार छोटे अथवा बड़े पैमाने पर जैविक खाद उत्पादन, कृषि कार्य, डेरी, मुर्गीपालन, बागवानी, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुटीर उद्योग इत्यादि के रूप में किया जा सकता है। प्रोग्राम में कमलेश यादव, रीना सिंह, उत्कर्ष त्रिपाठी, नंदिता चौरसिया, सृष्टि यादव, सिद्धार्थ, नवनीत, प्रज्ञा, नेहा यादव, प्रिया, बबली, सौम्या आदि स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़ कर पार्टिसिपेट किया।