गोरखपुर (ब्यूरो): डॉ। बबिता शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर ऑफ आईएसओपीएआरबी एवं गोरखपुर ऑब्स्ट्रेक्सि एवं गायनोकोलोजिकल सोसायटी के ज्वाइंट कोऑर्डिनेशन में यह प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया जाएगा। इसमें देश-विदेश के प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से जुड़ेंगे। इस सम्मेलन का विषय 'प्रीवेंटिंग स्टिल बर्थÓ रखा गया है।

32 लाख बच्चे हैं स्टिल बर्थ के शिकार

इस विषय का तात्पर्य यह है कि 28 किलोग्राम या उसके ऊपर के शिशु की गर्भ में या डिलीवरी के दौरान मृत्यु हो जाना है। जो पूरे विश्व में लगभग 32 लाख बच्चे प्रतिवर्ष स्टील बॉर्न होते हैैं। इसके जो साइड इफेक्ट हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। इसको लेकर होने वाले संक्रमण आदि विषयों पर एक्सपर्ट अपनी राय रखेंगे। इस आयोजन में देश-विदेश के जाने माने प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ, फेटल मेडिसिन एक्सपर्ट एवं पीडियाट्रिक सर्जन भी इस सम्मेलन में शामिल रहेंगे।

सोशल मीडिया पर टेलीकास्ट

संस्था की चेयरपर्सन डॉ। साधना गुप्ता, सचिव डॉ। अमृता सरकारी जयपुरियार, ज्वाइंट सेकेट्ररी डॉ। मीनाक्षी गुप्ता, डॉ। अरूणा छापडिय़ां, डॉ। अनुभा गुप्ता, डॉ। बबिता शुक्ला, डॉ। राजेश गुप्ता शामिल मौजूद रहेंगे। वहीं डॉ। राधा जीना एवं डॉ। रीना श्रीवास्तव पैटरन रहेंगी। वहीं आयोजन सचिव डॉ। अमृता सरकारी जयपुरियार ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में लगभग 800-1000 डॉक्टर्स जुड़ रहे हैैं। इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया से देश-विदेश में देखा जा सकेगा। आयोजक अध्यक्ष डॉ। साधना गुप्ता एवं सचिव डॉ। अमृता सरकारी जयपुरियार की देखरेख में समापन होगा।