गोरखपुर (ब्यूरो)।उनका नाम यहां से बनने वाले राज्यपाल में शुमार हो गया। एबीवीपी के कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में कदम रखने वाले शिव प्रताप शुक्ल गोरखपुर नगर से चार बार विधायक रहने के साथ-साथ 1991 से 1998 के बीच कल्याण ङ्क्षसह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ ङ्क्षसह की प्रदेश सरकार में चार बार मंत्री भी रहे। राज्यसभा सदस्य रहते हुए केंद्र सरकार में राज्यमंत्री का दायित्व भी बखूबी निभाया।

चार बार चुने गए नगर विधायक

शिव प्रताप शुक्ल 1989, 1991, 1993 और 1996 में भाजपा के टिकट पर नगर विधायक चुने गए। 1991 में कल्याण ङ्क्षसह की सरकार में उन्होंने बेसिक शिक्षा, खेलकूद, उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री की जिम्मेदारी निभाई, तो 1996 में कल्याण ङ्क्षसह और फिर रामप्रकाश गुप्ता की सरकार में कारागार और विधि व न्याय मंत्री रहे। 1999 में राजनाथ ङ्क्षसह के नेतृत्व में प्रदेश में बनी भाजपा की सरकार में उन्होंने ग्राम्य विकास मंत्री का दायित्व निभाया। 2016 में शिव प्रताप राज्यसभा सदस्य बनाए गए। 2018 में मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बने। 2019 में लोकसभा चुनाव तक वह इस पद पर रहे। राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई।

छात्रसंघ राजनीति से रहा जुड़ाव

खजनी तहसील के रुद्रपुर गांव निवासी 71 वर्षीय शिव प्रताप शुक्ल विद्यार्थी परिषद में प्रदेश संगठन मंत्री भी रहे। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति भी की। राजनीति में उनका दूसरा पड़ाव भारतीय जनता युवा मोर्चा में रहा। मोर्चा के वह प्रदेश मंत्री रहे। भाजपा में विभिन्न पदों पर संगठनात्मक सेवा देने वाले शिव प्रताप 2009 से लेकर 2018 तक भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। 25 जून, 1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लागू किया, तो उसका विरोध करने के आरोप में प्रदेश में सबसे पहले जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, वह शिव प्रताप शुक्ला थे। प्रदेश के पहले मीसाबंदी के रूप में वह 19 महीने गोरखपुर जेल में रहे।

इन्होंने दी बधाई

प्रो। अजय शुक्ला, प्रो। शरद मिश्रा, डॉ। आशीष शुक्ला, डॉ। मनीष पांडेय, डॉ। अखिल मिश्रा, डॉ। हरीश चंद्र पांडेय, डॉ। पंकज सिंह, भोजपुरी एसोसिएशन के राकेश श्रीवास्तव, डॉ। रूप कुमार बनर्जी, धु्रव श्रीवास्तव, शिवेंद्र पांडेय, कनक हरि अग्रवाल, सुभाष दुबे, डॉ। छाबड़ा आदि ने शिव प्रताप शुक्ला को बधाई दी।