गोरखपुर (ब्यूरो)। शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में घायल इरशाद की मां रुखसाना ने पट्टीदार इस्लाम उर्फ इद्दू सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें एक आरोपित के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी, लेकिन गहन छानबीन में सच्चाई सामने आने पर आरोपित पकड़े गए हैं।

भाई को हो गई थी जानकारी, लगाता था डांट-फटकार

इरशाद स्कूल में पढ़ाता है। 17 फरवरी की रात वह बरामदे में सोया हुआ था। रात में ही किसी ने उस पर हमला करके जान लेने की कोशिश की। रजाई पर चाकुओं से हमला करके भाग गया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। इरशाद का पट्टीदारों से विवाद चलता था। इसलिए उसकी मां ने चार को नामजद करा दिया। दबाव बढऩे पर पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। नामजद ने घटना में शामिल होने से इंकार किया। इसलिए पुलिस जांच में जुटी रही। सर्विलांस के जरिए नाहरपुर के सूरज यादव के बारे में जानकारी मिली। उसकी अक्सर आफरीन से बातचीत होती थी। पुलिस ने जब सख्ती बरती तो पता लगा कि आफरीन और सूरज के बीच नजदीकी थी जिसका विरोध भाई इरशाद करता था। शुक्रवार को एसएचओ अमित दुबे ने टीम के साथ मिलकर आरोपितों को पकड़ लिया।

पुलिस को मिला 10 हजार रुपए का इनाम

घटना का सही पर्दाफाश करने पर एसएसपी डॉ। विपिन ताडा ने एसएचओ अमित दुबे, एसएसआई शंभूनाथ सिंह, एसआई विजय शंकर यादव, अमित राय, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, अमित कुमार और जागृति सिंह की टीम को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।

युवती ने अपने प्रेमी संग मिलकर भाई पर जानलेवा हमला कराया था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। नामजद अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नार्थ