गोरखपुर (ब्यूरो)। अब तक बच्चों और किशोरों को वैक्सीन के रूप में कोर्बेवैक्स वैक्सीन का एक वायरल 20 डोज का है। इसकी वजह से वैक्सीन लगाने वाले हेल्थ कर्मी बूथों पर 20 बच्चों का इंतजार करते हैं। जब तक 20 बच्चे बूथों पर नहीं पहुंचते तक तब वायल खोला नहीं जाता है। इसकी वजह से यह कि अगर वायल खोल दिया जाएगा तो वैक्सीन के नुकसान होने की आशंका 90 परसेंट है। इसी वजह से बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार भी नहीं बढ़ पा रही है। इस सबके बीच नोवावैक्स वैक्सीन मिलने से विभाग को राहत मिलेगी। इस वैक्सीन के एक वायल में 10 डोज होती है। अच्छी बात यह है कि वैक्सीन 12 से 17 वर्ष के बच्चों और किशोरों दोनों को लगाई जा सकेगी।
देश में किया जा चुका है ट्रायल
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। एएन प्रसाद ने बताया कि कोर्बेवैक्स से पहले देश में 12 साल से ऊपर के बच्चों और किशोरों के लिए तीन वैक्सीन मौजूद है। मौजूदा समय में बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, जायडस कैडिला की जायकोव-डी और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन मौजूद है। अब चौथे वैक्सीन के रूप में नोवावैक्स मिलने वाली है। इसका ट्रायल देश में किया जा चुका है। जिसके बेहतर परिणाम मिले हैं।
उम्र वैक्सीनेशन
12-14 211309
15-17 585581
18-44 4712440
45-60 1415892
60 900054
महिलाओं को लगा वैक्सीन- 3927358
पुरूषों को लगा वैक्सीन-3811346
नोट-फस्ट और सेकेंड डोज
कोवैक्सीन-1690836
कोविड शिल्ड-5927511
कार्बेवैक्स वैक्सीन-211309
नोवावैक्स के रूप में एक वैक्सीन जिले को और मिल गई है। हालांकि अभी नोवावैक्स वैक्सीन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। हेल्थ डिपार्टमेंट को वैक्सीन कब मिलेगी इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
- डॉ। एएन प्रसाद, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी