गोरखपुर (ब्यूरो)।प्राइवेट कंपनी सही समय पर सप्लाई नहीं कर पाई। इस कारण लाइसेंस अटक गए और अब लोग चरगांवा डीटीआई के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं। जिन्होंने 9-10 जून को लाइसेंस के रिन्युअल, डुप्लीकेट लाइसेंस आदि सर्विस के लिए आवेदन किया था, उन्हें अब तक लाइसेंस नहीं मिल पाए हैं। हालांकि, डीटीआई के जिम्मेदारों का दावा है, स्मार्ट कार्ड आ चुके हैं। जल्द ही सभी अप्लीकेंट को लाइसेंस दे दिए जाएंगे।

हर दो-तीन माह में स्मार्ट कार्ड की कमी क्यों?

यह पहला मौका नहीं है, जब स्मार्ट कार्ड की कमी से लोगों को समय पर लाइसेंस नहीं मिल पाए हों। पिछले एक साल में हर दो-तीन महीने में ऐसा ही हो रहा है। कभी टेंडर खत्म होने के कारण तो कभी किसी दूसरे कारण से स्मार्ट कार्ड की सप्लाई कंपनी नहीं करती है। इसके कारण लोगों को समय पर लाइसेंस नहीं मिल पाते हैं।

निर्धारित पते पर पहुंचने में लग रहे महीनों

नियमानुसार डाक के माध्यम से आठ से दस दिन में ड्राइविंग लाइसेंस पहुंच जाना चाहिए, लेकिन अप्लीकेंट को समय से लाइसेंस नहीं मिल रहा। निर्धारित पते पर पहुंचने में महीनों लग जा रहे। परेशान अप्लीकेंट डीटीआई और आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन निराशा हाथ लग रही है। जिम्मेदारों का कहना है कि जिला मुख्यालय पर सिर्फ टेस्ट लिए जाते हैं। जिले की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय लखनऊ में स्मार्ट कार्ड के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं और अप्लीकेंट के निर्धारित पते पर भेज जाते हैं। गोरखपुर में प्रत्येक दिन लगभग 60 से 65 परमानेंट और 75 रिन्युअल, डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं।

केस 1

तारामंडल आमोद सिंह की भाभी ने रिन्युअल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट पास होने के करीब डेढ़ माह लाइसेंस का इंतजार कर रही हैं। वह लाइसेंस के लिए डाकघर का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन लाइसेंस का पता नहीं चल रहा है।

केस 2

अरविंद पांडेय की पत्नी ने 10 जून को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट में सफल हो गए थे। एक माह से ऊपर हो गया, लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिला है।

फैक्ट एंड फीगर

75 रिन्युअल और डुप्लीकेट लाइसेंस रोजाना बनते हैं

60-65 ड्राइविंग लाइसेंस डेली बनते हैं

250 लाइसेंस की हर समय पेंडेंसी

पिछले कुछ महीने से स्मार्ट कार्ड की कमी से ऐसा हुआ था। अब कार्ड आ चुके हैं। जल्द ही बैकलॉग खत्म कर सभी अप्लीकेंट को लाइसेंस मिल जाएंगे।

राघव कुशवाहा, आरआई डीटीआई