गोरखपुर (ब्यूरो)।दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पूर्वांचल इनक्यूबेशन सेंटर में रितिक श्रीवास्तव ने एक ऐसा ही स्टार्टअप शुरू किया गया है। इन वेस्ट हेयर का इस्तेमाल कर सिर्फ गार्डन ही नहीं, बल्कि आसपास में लगे छोटे पौधों की भी आसानी से देखभाल की जा सकेगी और इसका बोझ भी पॉकेट पर नहीं पड़ेगा।

फर्टिलाइजर जैसे करेगा काम

ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की जरूरत आज हर जगह है। इसकी बात भी की जा रही है और इसका इस्तेमाल भी किया जाने लगा है। मगर यह इतनी कॉस्टली है कि ऑर्गेनिक खाद से किसानों को बजाए फायदे के नुकसान हो गया है। इतना ही नहीं कई बार ऐसा देखा जाता है कि घर के गार्डन में लगे प्लांट्स न्यूट्रिएंट्स न मिलने की वजह से सूख जाते हैं। अब इन परमनेंट प्रॉब्लम से लोगों को छुटकारा मिलेगा और स्टार्टअप के जरिए बनाया जाने वाला यह फर्टिलाइजर उनके लिए वरदान जैसा होगा। यह ऐसा फर्टिलाइजर है, जो इंसान के बालों से तैयार किया गया है।

यूरिया को कर सकता है रिप्लेस

पीआईसी से जुड़े रितिक श्रीवास्तव ह्यूमन हेयर से फर्टिलाइजर बना रहे हैं। उन्होंने 2020 में रिसाइटेक कंपनी की शुरुआत की। इसमें वे कटे हुए बालों को इकट्ठा करके उससे एक प्लांट बूस्टर स्प्रे बनाते हैं। रितिक ने बताया कि यह स्प्रे छोटे प्लांट्स के लिए काफी फायदेमंद हैं। अभी वह इस स्प्रे में एक बैक्टीरिया को इंफ्यूज करने में जुटे हैं। इससे यह मार्केट में अवेलेबल एनपीके फर्टिलाइजर को रिप्लेस कर सकता है। यह पूरी तरह ऑर्गेनिक है और इससे पौधों को किसी तरह का नुकसान नहीं है। रितिक ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उनके साथ सानित्य श्रीवास्तव और रितु महाजन भी इस पर काम कर रही हैं। रितिक के पिता रमेश श्रीवास्तव और माता पुष्पा श्रीवास्तव ने उनके स्टार्टअप में काफी हेल्प की।

पीआईसी से जुड़े 25 स्टार्टअप

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पूर्वांचल इनक्यूबेशन से अभी तक 25 स्टार्टअप जुड़ चुके हैं। पीआईसी के मैनेजर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि किसी के पास भी अगर कोई नया और यूनिक स्टार्टअप आइडिया है तो वे पीआईसी से जुड़ सकते हैं। जुडऩे के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।

पूर्वांचल इंक्यूबेशन सेंटर से नए-नए स्टार्टअप जुड़ रहे हैं। इन्हें हरसंभव मदद की जाएगी। अभी गवर्नमेंट से भी फंड मिलने की उम्मीद है। एग्रीकल्चर से जुड़े कुछ नए स्टार्टअप्स भी पीआईसी से इंक्यूबेट होंगे।

प्रो। राजेश सिंह, वीसी, डीडीयूजीयू