गोरखपुर (ब्यूरो)। उधर, गिरफ्तारी के विरोध में चौरीचौरा समेत कई तहसीलों में कामकाज ठप कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, भू-माफिया कमलेश यादव, उसके साथी दीनानाथ प्रजापति का नाम सामने आने के बाद पुलिस जांच कर रही है। आरोपियों पर 31 मुकदमे दर्ज किए गए और जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि पांच मामलों में दूसरे को खड़ा कर रजिस्ट्री कर दी गई है तो कई मामलों में सीलिंग की जमीन का खारिज दाखिल भी किया गया है। इसके बाद ही पुलिस ने तहसील के कर्मियों के शामिल होने की जांच शुरू कर दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि सब रजिस्ट्रार चंद्रशेखर शाही लंबे समय तक चौरीचौरा तहसील में सब रजिस्ट्रार के पद पर तैनात रहे हैं और उन्होंने कमलेश गिरोह का फर्जी बैनामा में मदद किया है। इसके बाद ही पुलिस ने नोटिस जारी करके सब रजिस्ट्रार को अपना पक्ष रखने के लिए थाने बुलाया था। पुलिस के सवालों का संतोषजनक जवाब न दे पाने पर आरोपी सब रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी मूल रूप से देवरिया जनपद के बरियारपुर थाना क्षेत्र के नौतन गांव का मूल निवासी है। वर्तमान में देवरिया शहर के भिखमपुर में मकान बनवाकर रहता था।
नियुक्ति पर उठा था सवाल, चार साल थे बर्खास्त
गिरफ्तार चंद्रशेखर शाही की नियुक्ति पर भी सवाल उठ चुका है। मऊ में 1989 में नियुक्ति हुई थी। मामला हाईकोर्ट में गया और हाईकोर्ट के आदेश पर 2019 में बर्खास्त कर दिए गए थे। करीब चार साल तक ये बर्खास्त थे। इसके बाद डबल बैच ने 2023 में बहाल कर दिया। इसके बाद इनकी तैनाती फिर हो गई।