गोरखपुर (ब्यूरो) बांध बनने से रामगढ़ताल की सुंदरता में न सिर्फ इजाफा होगा बल्कि महानगर के नालों का गंदा पानी भी सीधे ताल में नहीं गिरने पाएगा.

कॉलोनी के पीछे डाली मिट्टी

पैडलेगंज से आरकेबीके तक 34 करोड़ 19 लाख 80 हजार रुपये से बांध बनाया जा रहा हैपैडलेगंज से रेलवे की कॉलोनी के पीछे तक मिट्टी डाल भी दी गई हैताल के किनारे करीब ढाई किलोमीटर लंबाई में बन रहे बांध से नौ नालों का पानी सीधे रामगढ़ताल में नहीं गिर पाएगाइस पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाकर साफ किया जाएगा और फिर रामगढ़ताल में गिराया जाएगा.

तीन मीटर चौड़ा बनेगा बांध

रामगढ़ताल के किनारे बन रहा बांध तीन मीटर चौड़ा होगाइसके दोनों तरफ रेलिंग लगाने के साथ ही पर्यटकों के बैठने की भी व्यवस्था रहेगीछांव के भी इंतजाम किए जाएंगेबांध को इस तरह बनाया जा रहा है कि लोग रामगढ़ताल के चारो तरफ टहल सकें

पौधारोपण भी किया जाएगा

बांध के किनारे पौधारोपण कर हरियाली को बढ़ाया जाएगासाथ ही पौधों की सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाएंगेअफसरों का कहना है कि इससे पर्यावरण भी अच्छा रहेगा.

पूरब का मरीन ड्राइव है रामगढ़ताल

रामगढ़ताल को पूरब का मरीन ड्राइव भी कहा जाता है। 17 सौ एकड़ में फैले इस प्राकृतिक ताल को देखने के लिए रोजाना हजारों पर्यटक आते हैंनगर निगम, गोरखपुर विकास प्राधिकरण और जल निगम ने पर्यटकों की सहूलियत के लिए इलाके में कई विकास कार्य कराए हैंबांध बनने से पर्यटकों को टहलने में काफी सहूलियत हो जाएगी.