30 जून को आरपीएफ और सीआईबी की संयुक्त टीम ने खलीलाबाद और बस्ती से तीन तत्काल टिकट दलाल अब्दुल कादिर, मो। वकील और फिरोज अहमद को पकड़ा था। तीनों को रेलवे एक्ट के तहत अरेस्ट कर रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। लेकिन रेलवे मजिस्ट्रेट ने इन्हें जमानत देने से मना कर दिया। फिर इनका मामला सेशन कोर्ट में गया। यहां से भी इन तीनों को जमानत नहीं मिली और मामले को खारिज कर दिया गया।

मुंबई तक था इनका नेटवर्क

अब्दुल कादिर, मो। वकील और फिरोज अहमद पर आरोप है कि ये तीनों तत्काल टिकटों को बाई प्लेन टिकट मुंबई से मंगवाते थे। इसके लिए कार्गो कंपनी का एजेंट इन्हें टिकट देता था। मिली जानकारी के मुताबिक, इनका नेटवर्क मुंबई तक था इनका मेन सरगना सुभाष और गोविंद सिंह हैं। उनकी तलाश आरपीएफ व सीआईबी टीम को आज भी है। वहीं फरार मुन्ना, सलीम और बाबू राम टिकट आज भी आरपीएफ और सीआईबी की पहुंच से बाहर हैं।

बस्ती से पकड़े गए तत्काल टिकट के तीनों दलालों का मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। चूंकि मामला गंभीर था। इसलिए इन सभी जमानत नहीं मिली।  

राजेश कुमार, इंस्पेक्टर, गोरखपुर पोस्ट