गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे में आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गोरखपुर में पब्लिक प्लेस और अस्पतालों में फस्र्ट एड की व्यवस्था को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक सर्वे कंडक्ट किया। इसमें लोगों ने बताया कि हॉस्पिटल्स में तो व्यवस्था है लेकिन पब्लिक प्लेस जैसे रोडवेज और अन्य जगहों पर समुचित प्रबंध नहीं हैं। इसमें अधिकारियों को सुधार लाने की जरूरत है।

रोडवेज बस में फस्र्ट एड किट नहीं

यूपी रोडवेज की बसों में फस्र्ट एड बॉक्स बस नाम के हैं। इसमें लॉक तो लगा है लेकिन खोलने पर अंदर कुछ भी नहीं है। मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने बसों में फस्र्ट एड बॉक्स का रियलिटी चेक किया। शताब्दी एसी बस सेवा (यूपी32ईएन9667) में पाया गया कि कई बसों में किट के नाम पर केवल बक्सा है। चोट लगने या तबीयत खराब होने पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

गंभीर नहीं हैं नेता-अफसर

सर्वे में सवाल पूछा गया कि 'फस्र्ट एड सुविधाएं देने के लिए क्या नेता-अफसर गंभीर हैं? इस पर 53.8 परसेंट लोगों ने कहा कि नहीं फस्र्ट एड सुविधाओं को लेकर नेता-अफसर गंभीर नहीं हैं। 38.5 परसेंट ने जवाब दिया कि इस पर कुछ कह नहीं सकते। 7.7 परसेंट ने कहा कि फस्र्ट एड सुविधाओं को लेकर नेता-अफसर गंभीर हैं।

सर्वे के सवाल और उनके जवाब (परसेंट मेें)

1. क्या कभी आपने बीआरडी, एम्स, जिला अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पतालों में फस्र्ट एड सेवा का लाभ लिया है?

हां 57.7

नहीं 42.3

2. क्या अस्पतालों में फस्र्ट एड के नाम पर समुचित सुविधाएं उपलब्ध हैं?

- हां 19

- नहीं 43

- कह नहीं सकते 38

3. अच्छी फस्र्ट एड सुविधाएं देने के लिए क्या अफसर-नेता गंभीर हैं?

- हां 7.6

- नहीं 53.2

- कह नहीं सकते 39.3

3. क्या फस्र्ट एड सुविधाओं में सुधार की जरूरत है?

हां 55.7

नहीं 1.3

थोड़ा बहुत 43

रोडवेज बसों मेें फस्र्ट एड की सुविधाएं नहीं मिलतीं। यदि चोट लग जाए तो आगे का सफर भी भगवान भरोसे बीतता है।

यश कुमार, पैसेंजर

सिर्फ फस्र्ट एड की प्रॉब्लम नहीं है। रोडवेज बसों की सीटें भी ठीक नहीं। कई बार एसी भी काम नहीं करता।

अंकित मिश्रा, पैसेंजर