-फर्जी डॉक्यूमेंट पर टीचर बने तीन हुई कार्रवाई

-बीएसए ने तीनों टीचर्स को किया बर्खास्त

-अब होगी पैसे की वसूली

अनामिका शुक्ला मामले के बाद जब सभी जिलों में टीचर्स के डॉक्यूमेंट की जांच शुरू हुई तो अजब-गजब फर्जीवाडे के मामले सामने आने लगे। ऐसा ही मामला सोमवार को भी पकड़ा गया है। इसमें एक टीचर ऐसा भी मिला। जिसका ओरिजनल नाम ददन यादव था और वो नौकरी हथियाने के लिए सिंह बन गया था। इसी तरह फर्जी डॉक्यूमेंट पर टीचर बन सरकारी नौकरी करने वाले 3 टीचर को बीएसए ने सोमवार को बर्खास्त कर दिया है। अब इन टीचर्स पर एफआईआर कराकर पैसे की रिकवरी भी की जाएगी।

1996 में शिवबचन सिंह की हुई ज्वाइनिंग

1996 में शिवबचन सिंह पुत्र भृगुनाथ सिंह की कैंपियरगंज के प्राइमरी स्कूल में हेड टीचर के रूप में ज्वाइनिंग 15 जुलाई 1996 को हुई। ज्वाइनिंग लेटर में शिवबचन का पता व निवास प्रमाण पत्र रतसड बलिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पास मई 2020 में टीचर्स के वेतन की डिटेल आई। इसमें 192 मामले ऐसे थे, जिनमें एक ही पैन कार्ड पर अलग-अलग इंट्री कई जिले के फाइल में मिली। जिसके आधार पर शिवबचन को निलंबित कर दिया गया। बलिया के असली टीचर ने इसकी कम्प्लेन की। कम्प्लेनर के अनुसार, कैंपियरगंज में 1996 से नौकरी करने वाले टीचर को असली नाम ददन यादव बताया गया। कम्प्लेनर के आधार पर जांच हुई जिसमें सारी बातें सही पाई और कैंपियरगंज में तैनात टीचर को बर्खास्त किया गया। जांच शुरू होने के बाद जुलाई से ही टीचर अपसेंट चल रहे हैं।

एससीएसटी बन गए गुरुजी

गोरखपुर के ब्रह्मपुर स्थित प्राइमरी स्कूल में 6 फरवरी 2010 में संतोष कुमार पुत्र छठ्ठू प्रसाद की ज्वाइनिंग हुई। 2019 में इनके डॉक्यूमेंट की जांच कराई गई तो पता चला कि संतोष की जाति गुप्ता है। जबकि इनकी ज्वाइनिंग अनुसूचित जाति के कोटे से हुई है। इसके बाद संतोष को निलंबित कर जांच शुरू हुई। संतोष को अपना डिटेल पेश करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने तीन बार डाक से लेटर भेजा। लेकिन संतोष ने आज तक अपना डिटेल विभाग के सामने ना ही पेश किया और न हाजिर हुए। जांच में पाया गया कि संतोष ने अपनी जाति बदल कर नौकरी हासिल की थी। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।

एसटीएफ की जांच में पकड़ाया फर्जीवाड़ा

वंदना पांडेय पुत्री नरेन्द्र पांडेय और पत्‍‌नी रमेश मिश्रा की ज्वाइनिंग 2011 में सिद्धार्थनगर प्राइमरी स्कूल में हुई थी। अंतरजनपदीय तबादले में 2016 को जगंल कौडि़या के प्राइमरी स्कूल में वंदना की तैनाती हुई। एसटीएफ फील्ड यूनिट गोरखपुर के दिशा-निर्देश पर वंदना की डॉक्यूमेंट जांच शुरू हुई। जिसमें पाया गया कि वंदना ने दूसरे के नाम की मार्कशीट बनाकर पता छुपाते हुए नौकरी हासिल की है। जिसके आधार पर वंदना को बर्खास्त कर दिया गया। अब वंदना पर एफआईआर कराकर वेतन रिकवरी की जाएगी।

बर्खास्त हो चुके टीचर- 61

निलंबित टीचर- 34

वर्जन-

टीचर्स के डॉक्यूमेंट फर्जी पाए जाने के आधार पर उन्हें बर्खास्त किया गया है। अब इनके खिलाफ एफआईआर कराकर वेतन की रिकवरी कराई जाएगी।

बीएन सिंह, बीएसए