गोरखपुर (ब्यूरो).इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बुधवार शाम करीब 6 बजे निर्माणाधीन छत गिरी। मजदूरों के दबे होने की सूचना मिलने पर शहर का पूरा इलाका ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया गया है। ताकि घायल मजदूरों को बाहर निकाल कर तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। वहीं, जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी सभी व्यवस्था कर दी गई थी। हादसे में घायल बुजुर्ग राजीव की मौत हो गई और वहीं तीन घंटे तक रेस्क्यूू कर प्रदीप को जिंदा बाहर निकाला गया, जिसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए भेजा गया।


Building Collapse
बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

बक्शीपुर के जुबिली सिनेमा घर के ठीक बगल में इस्लामियां कॉलेज ऑफ कॉमर्स है। पुलिस के मुताबिक बुधवार को कॉलेज में बिल्डिंग निर्माण हो रहा था। छत ढालने के लिए लिफ्ट से मजदूर मटेरियल ऊपर ले जा रहे थे, लेकिन शाम करीब 6.30 बजे निर्माणाधीन छत का स्ट्रक्चर कमजोर होने की वजह से छत अचानक गिर गई। पुलिस के मुताबिक जिस वक्त छत गिरी, उस वक्त एक मजदूर रामकरन छत के ऊपर और दो प्रदीप यादव और राजीव नीचे थे, जिनमें अब तक दो घायल मजदूरों रामकरन और पिपराइच के 25 साल के प्रदीप यादव को बाहर निकालकर अस्पताल भेजा जा चुका है। दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है।

Public watching rescue operation

इस पूरे मामले की शुरुआती जांच में फिलहाल स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस स्कूल के प्रबंधक शोएब अहमद हैं, जोकि एक डिग्री कॉलेज परिसर में ही अपना 'माउंट एरा' नाम से प्राइवेट स्कूल चला रहे थे। यह स्कूल 8वीं तक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसकी कई बार कंप्लेन भी की गई, लेकिन शोएब अहमद हमेशा अपने रसूख से बच जाते और बेखौफ होकर सरकारी कॉलेज परिसर में ही अपना प्राइवेट स्कूल चला रहे थे। इसी स्कूल के विस्तार के लिए वे बिल्डिंग का निर्माण करा रहे थे।
बिना पिलर के लग रहा था लिंटर
हैरानी वाली बात यह है कि बिना किसी पिलर के करीब दो हजार स्क्वायर फिट का लिंटर लगाया जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इतने बड़े एरिया में छत ढालने के लिए बीच में कोई सपोर्ट पिलर नहीं दिया गया था। जबकि छत की ऊंचाई करीब 20 फिट थी, जिसकी वजह से छत ढलाई का भार सह नहीं सकी और लिंटर पड़ते ही ढह गई।
कसाई को दिया था ठेका
सूत्रों को माने तो इस निर्माण को करने के लिए एक कसाई को ठेका दिया गया था। इसके लिए जीडीए से भी कोई परमिशन नहीं ली गई थी। सूत्रों की मानें तो घर में भी कुछ पारिवारिक विवाद चल रहा था। इस कारण रात में भी जल्दी-जल्दी निर्माण करवाया जा रहा था।
कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया
हादसे के बाद घटना स्थल पर एडीजी अखिल कुमार, डीआईजी जे रविन्द्र गौड़ और एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग की टीमें और अधिकारी मौजूद रहे। वहीं पुलिस स्कूल प्रबंधन से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई है। उन सभी से पूछताछ की जा रही है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया, मामले की जांच की जा रही है। अगर लापरवाही सामने आई तो प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर के आदेश पर जीडीए ने शुरू की जांच, दर्ज होंगे दो केस
इस पूरे मामले पर गोरखपुर के कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जीडीए को निर्देशित किया है कि, इसकी जांच की जाए कि कॉलेज में निर्माण के लिए जीडीए से मानचित्र स्वीकृत था या नहीं? अगर बिना मानत्रित स्वीकृति के कॉलेज में निर्माण चल रहा था तो इसपर जीडीए की तरफ से कॉलेज प्रबंधन पर केस दर्ज कराया जाए। जबकि उन्होंने पुलिस को निर्देशित किया है कि घायलों के परिवार की तरफ तहरीर मिलते ही कॉलेज प्रबंधन पर एक अलग केस दर्ज किया जाए।