डीडीयूजीयू के बॉयोटेक्नोलाजी डिपार्टमेंट में चल रही सात दिवसीय आनलाइन कार्यशाला में तीसरे दिन 'रिसर्च मेथडोलोजी एंड इन्नोवेशन्स इन लॉइफ साइंसेज' पर कार्यशाला विषय पर व्याख्यान हुए। कार्यशाला के संयोजक प्रो। दिनेश यादव ने अतिथि वक्ताओं और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव प्रो। राजर्षि कुमार गौर ने सत्र का संचालन करते हुए अतिथि वक्ताओं का परिचय कराया। पहला व्याख्यान हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय, गढ़वाल के बायोटेक्नोलाजी विभाग के डॉ। सौरभ यादव का रहा, जिसमें उन्होंने आईपीआर- इन्नोवेशन्स का उत्प्रेरक विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने आईपीआर के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गोरखपुर की पहचान बन चुके टेराकोटा और कालानमक चावल के जीआईएस के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी साझा की। दूसरा व्याख्यान एम्स, गोरखपुर के माइक्रोबायोलाजी के वैज्ञानिक प्रो। विवेक हाडा का रिसेन्ट अपडेट्स इन ट्यूबरकुलोसिस डाइग्नोसिस विषय पर रहा। उन्होने ट्यूबरकुलोसिस की जांच और पहचान के लिए प्रयुक्त हो रहे मालिकुलर तकनीकियों के बारे में बताया। डॉ। विवेक ने एम्स, गोरखपुर में ट्यूबरकुलोसिस की पहचान के लिए डायग्नोस्टिक मेथड्स से भी सबको अवगत कराया। अन्त में विभागाध्यक्ष प्रो। शरद कुमार मिश्र ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया। कार्यशाला का आयोजन बायोटेक्नोलाजी विभाग, आईपीआर सेल तथा सेन्टर फार जिनोमिक्स एंड बायोइन्फोर्मेटिक्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।