- सरकारी, सहकारी और ग्रामीण बैंकों की स्ट्राइक से बढ़ी अकाउंट होल्डर्स की परेशानी

- 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक इंप्लाईज यूनियन का जगह जगह प्रदर्शन

KANPUR: बैंक इंप्लाईज अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर टयूजडे को स्ट्राइक पर रहे। इस वजह से शहर में कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुई। बैकिंग सुविधाएं ठप सी रही। कई बैंकों के बाहर सरकारी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन हुए। शाम को आकंड़ा मिला कि स्ट्राइक से 1,200 करोड़ रुपए का बैंकिंग ट्रांजक्शन प्रभावित हुआ। बैंक यूनियन की तरफ से मांगे नहीं माने जाने पर आगे फिर स्ट्राइक की चेतावनी दी है। इस सब के बीच आम खाताधारक की परेशानियां भी आगे बढ़ना तय है।

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स्ट्राइक के साइड इफेक्ट्स

46- सरकारी, ग्रामीण और कोआपरेटिव बैंक के कर्मचारी शामिल हुए स्ट्राइक में

1,200 करोड़- रुपए का बैंकिंग लेनदेन हुआ प्रभावित

350 करोड़- रुपए की चेक क्लीयरिंग हुई ठप

250 करोड़- रुपए की डिपॉजिट नहीं हो सकी

150 करोड़- रुपए की निकासी बैंकों से नहीं हो सकी

225 करोड़- रुपए की आरटीजीएस नहीं हो सकी

125 करोड़ - रुपए का विदेशी विनिमय नहीं हो सका

100 करोड़- रूपए की एफडी, ड्राफ्ट व अन्य लेनदेन हुए प्रभावित

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ट्रेड यूनियन एक्ट को बेअसर करने की साजिश

यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के बैनर तले कई बैंकों के बाहर बैंक इंप्लाइज ने प्रदर्शन किया। पीएनबी बिरहाना रोड, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल ऑफिस को कर्मचारियेां ने बंद कराया। यूनियन के मंत्री सुधीर सोनकर ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। और ट्रेड यूनियन एक्ट को अप्रभावी कर हायर व फायर नीति को लागू करना चाहती है। जोकि कर्मचारी विरोधी है। प्रदर्शन में रजनीश गुप्ता, अनिल सोनकर, शरद प्रकाश अग्रवाल, पीएन शुक्ला, आरपी बाजपेई, मनोज तिवारी, आरके मिश्रा, जेपी श्रीवास्तव आदि प्रमुख रुप से मौजूद रहे।