कानपुर (ब्यूरो) मोती मोहाल निवासी कुलजीत गुप्ता की पत्नी अनीता गुप्ता ने बताया कि उनका सेंट्रल बैैंक कराचीखाना ब्रांच में लॉकर है। वे पति के साथ एक नामी कंपनी का सैलून रतन लाल नगर में ऑपरेट करती हैैं। मीडिया में आने वाली जानकारी के बाद लॉकर चेक करने अनीता अपना लॉकर संख्या 863 चेक करने पहुंची। अनीता ने बताया वे बैैंक में काफी देर तक कर्मचारियों से लॉकर चेक कराने की रिक्वेस्ट करती रहीं। बैैंक कर्मचारी अधिकारियों की नामौजूदगी का बहाना बनाते रहे और उन्हें लॉकर चेक नहीं कराया गया। काफी जद्दोजहद के बाद आधे घंटे बाद बैंक कर्मचारियों की मौजूदगी में काफी प्रयास के बाद लॉकर खुला तो अंदर जैसे पोंछा लगा दिया गया था। पीडि़ता के मुताबिक लॉकर में 23 लाख रुपये के जेवर और 500 डॉलर रखे थे। जो गायब कर दिए गए। पीडि़ता ने बताया कि उन्होंने बैैंक कर्मचारियों से लॉकर की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने के लिए कहा था, लेकिन बैैंक कर्मियों ने साफ मना कर दिया।

बैैंक में रुक गई लॉकर्स की चेकिंग
इस महीने की शुरुआत में सेंट्रल बैंक की कराची खाना शाखा में लॉकर से जेवरों के गायब होने का मामला सामने आया। बैंक ने सभी ग्राहकों को बैंक में बुला कर लॉकर चेक करने की बात कही, लेकिन ब्रांच मैनेजर के पकड़े जाने के बाद बैंक पूरे मामले को खत्म मान कर शांत हो गया। इसके साथ ही लॉकर को पूरी तरह चेक करने का काम भी रुक गया। अब जब फिर एक और लॉकर खाली निकल आया तो बैंक अधिकारी फिर इस प्रयास में जुट गए हैं कि कैसे सभी लॉकरधारकों को बुला कर उनके लाकर चेक कराए जाएं।

लॉकरधारकों को नहीं भेजा मैसेज
जिस समय एक के बाद एक लॉकर खाली निकल रहे थे, मुंबई और लखनऊ से अधिकारियों का दबाव पड़ रहा था कि सभी लॉकर चेक करा लिए जाएं, लेकिन मामला एक दिन ठंडा पड़ते ही बैंक इस बात को भूल गया कि लॉकरधारकों को संदेश भेज कर लॉकर चेक करने के लिए कहना है। पीडि़तों का कहना है कि बैंक ने पूरी तरह से लॉकर रूम को चेक नहीं किया है। बैंक को लॉकर एजेंसी के विशेषज्ञों को बुलाकर चेक कराना चाहिए था कि कितने लॉकरों के साथ छेड़छाड़ की गई है ताकि ऐसे सभी लाकरधारकों को बुलाकर उनसे लॉकर चेक करा लिए जाएं।

'' सेंट्रल बैैंक के लॉकर्स से चोरी के पुराने मुकदमे में अनीता गुप्ता की तहरीर जांच में शामिल की जाएगी.ÓÓ
प्रमोद कुमार, डीसीपी