कानपुर (ब्यूरो) अनवरगंज स्टेशन पर चार साल पूर्व तैनात तत्कालीन स्टेशन मास्ट कमल मीना का कहना है कि सन् 2018 में स्टेशन भवन में लगी घड़ी खराब हो गई थी। उन्होंने सीनियर सेक्सन इंजीनियरिंग टेलीकॉम डिपार्टमेंट को लेटर भेज कर घड़ी की मरम्मत करने को कहा था। जिसके बाद डिपार्टमेंट के लोग आकर घड़ी उतार कर ले गए थे। कई बार घड़ी के पूछने पर टेलीकॉम डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने उसका मैकेनिक न मिलने की बात कह टाल दिया था। जिसके बाद एसएस कमल मीना का ट्रांसफर हो गया। वर्तमान में तैनात स्टेशन एसएस ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट के अधिकारियों से घड़ी के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि घड़ी के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है।

1896 में बिल्डिंग का निर्माण
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अनवरगंज स्टेशन कानपुर का सबसे पुराना दूसरा स्टेशन है। कानपुर सेंट्रल स्टेशन का निर्माण होने के बाद सन् 1896 में अंग्रेजों ने अनवरगंज स्टेशन का निर्माण कराया था। लगभग 30 साल पहले तक यह रूट नैरोगेज था। यानी छोटी लाइन पड़ी थी। रूट में ट्रेनों व पैसेंजर्स का लोड बढऩे पर नैरोगेज को हटाकर ब्रॉडगेज की पटरियां लगा दी गई थीं।

धरोहर नहीं संभाल पा रहा रेलवे
अनवरगंज स्टेशन की बिल्डिंग में अंग्रेजों के जमाने की लगी एंटिक पीस घड़ी एक प्रकार की ऐतिहासिक धरोहर है। इसके अलावा रेलवे परिसर में कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहर है। जिसको रेलवे संभाल नहीं पा रहा है। अनवरगंज में लगी घड़ी को सुधारने के लिए रेलवे मैकेनिक न मिलने का बहाना बना रहा है। जब कि कानपुर प्रशासन ने अभी हालही में परेड केसा कार्यालय की बिल्डिंग में लगी सालों पुरानी घड़ी की मरम्मत करा उसको सहीं करा दिया है।

कोट
मेरी तैनाती यहां पर दो साल पहले हुई है। उसके पहले से ही बिल्डिंग में घड़ी नहीं थी। मैंने कई बार इंजीनियरिंग टेलीकॉम डिपार्टमेंट को फोन कर घड़ी की जानकारी लेने का प्रयास किया लेकिन उसकी जानकारी नहीं मिली।
आरएनपी त्रिवेदी, एसएस अनवरगंज स्टेशन
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अनवरगंज स्टेशन की बिल्डिंग में लगी घड़ी कहा है। इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। डिपार्टमेंट में ऐसी कोई घड़ी मेंटीनेंस के लिए नहीं आई है।
विकास श्रीवास्तव, एसएसई टेलीकॉम, अनवरगंज
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आंकड़े
- 1896 में अनवरगंज स्टेशन का निर्माण हुआ था
- 2009 में इस रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था
- 4 साल पहले घड़ी खराब होने पर मेंटीनेंस के लिए बिल्डिंग से उतारी गई थी
- 126 साल पुरानी है अंग्रेजों के जमाने की यह घड़ी