कानपुर(ब्यूरो)। जिले के 14 शातिर क्रिमिनल्स पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं। लूट, हत्या, बलवा जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने के बाद ये शातिर उडऩछू हो जाते हैं। पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद इनका कोई सुराग नहीं लग रहा है। वारंट जारी होने पर ये कोर्ट भी नहीं पहुुंच रहे हैं। जिसके कारण कई बड़ी वारदातें अनसुलझी बनी हुई हैं। इनमें से कई बदमाश तीन जून को शहर में हुए बवाल में भी शामिल थे। ये सभी 10 हजार से ज्यादा के ईनामी हैं। ऐसे में अब इनकी तलाश में एसटीएफ व अन्य एजेंसियों को लगाया गया है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि शहर में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने और अनसुलझी वारदातों को सुलझाने के लिए इनका पकड़ा जाना बेहद जरूरी है।

इलेक्ट्रॉनिक व साइंटिफिक इविडेंस
14 शातिरों की तलाश के लिए पुलिस इलेक्ट्रॉनिक के साथ साइंटिफिक इविडेंस भी जुटा रही है। देखा जा रहा है कि क्या फॉरेंसिक के पास घटनास्थल के इविडेंस हैैं? इलेक्ट्रॉनिक इविडेंस के रूप में पुलिस ने क्या क्या कलेक्ट किया? पुलिस ने पार्ट चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट लगाने के पहले क्या-क्या कार्रवाई की? शातिर की बी पार्टी में कौन कौन शामिल है? शातिर के ऊपर कितने मुकदमे दर्ज हैैं? शातिर कितने बार जेल गया है? शातिर की जमानत किन लोगों ने ली हैैं? जमानत लेने वालों से शातिर का क्या रिलेशन है? शातिर के शरीर मेें कहां कहां दाग और चोट के निशान हैैं? शातिर का ब्लड ग्रुप क्या है? कितनी बार विदेश यात्रा की है? शातिर की आय के क्या-क्या साधन हैैं? एजेेंसी इन सभी बिंदुओं पर संबंधित अधिकारियों से बात कर रही है।

पुराने विवेचकों की मदद
शातिर अपराधियों की तलाश में लगाई गई टीमें उन पुराने विवेचकों की जानकारी कर रही है। जिन्होंने इनके मामले में विवेचना की हो। साथ ही उन सिपाहियों से इनके नाक नक्श की जानकारी की जा रही है जिनसे इनका आमना सामना हुआ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इन सिपाहियों की मदद से शातिरों के स्केच बनवाए जाएंगे और उन्हें थानों के अलावा एनसीआरबी और डीसीआरबी के डाटा से मिलान कराया जाएगा। पुष्टि होने पर इनके पोस्टर बनाए जाएंगे और जिन जिलों में शातिर के मिलने की संभावना है। वहां पोस्टर भेजे जाएंगे।

4 स्टेप में बनाया प्लान
एजेंसी के सूत्रों की माने तो पूरा प्लान चार चरणों में होगा। दूसरे चरण में शातिरों के मिलने वालों और दोस्तों समेत परिवार वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। डीजीपी मुख्यालस से इन सभी मामलों में चल रही कार्रवाई की मानीटङ्क्षरग की जाएगी। साथ ही आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य संकलित कर चार्जशीट दाखिल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कानपुर में हुए उपद्रव के पीछे किसी साजिश की भी जांच शासन एजेंसी से करा रहा है।

इन शातिरों की तलाश
नाम अपराध थाना
साबिर (बलवा) चमनगंज
अतीक (स्टोन पेल्टिंग) बेकनगंज
फराज (बलवा) अनवरगंज
मतीन (स्लीपर सेल) अनवरगंज
शमी (बलवा) अनवरगंज
वसी मोहम्मद (बलवा) कोतवाली
रोहित (ऑटो लिफ्टर) नौबस्ता
राजीव (डकैती) बर्रा
विपिन (मानव तस्करी) गोविंद नगर
शफीक (धार्मिक भावनाएं भडक़ाना) बाबू पुरवा
हाजी यूनुस (डकैती) नौबस्ता
मोनू (मौसेरी बहन से गैैंगरेप) पनकी
विमल (मानव तस्करी) कल्याणपुर
असलम (फर्जी पासपोर्ट मामला) नजीराबाद
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शहर की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने 14 फरार शातिर अपराधियों की तलाश में एजेंसी को लगाया गया है। जिससे जल्द से जल्द इनकी गिरफ्तारी की जा सके।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर