कानपुर(ब्यरो)। विदेश से एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स देशभर के राजकीय मेडिकल कालेज में इंटर्नशिप करेंगे। इसको लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने प्रत्येक मेडिकल कालेज में इंटर्नशिप की साढ़े सात प्रतिशत सीटें विदेश से एमबीबीएस करने वालों के लिए रिजर्व करने का आदेश जारी कर दिया है। राज्यों से सूचना एकत्र करने के उपरांत आवंटित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में 18 स्टूडेंट्स ने इंटर्नशिप ज्वाइन भी कर ली है।
प्रैक्टिस के लिए पास करना जरूरी
विदेश से फारेन मेडिकल ग्रेजुएट करने वालों को देश में इंटर्नशिप और प्रैक्टिस के लिए परीक्षा पास करना जरूरी है। इसे एनएमसी स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहा जाता है, जिसे राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड आयोजित करता है। वर्ष 2023 से विदेश से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए प्रत्येक मेडिकल कालेज में साढ़े सात प्रतिशत सीटें इंटर्नशिप के लिए दी जाएंगी। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें मानदेय नहीं दिया जाएगा.
इंटर्नशिप की सीटें हुई 250
प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में एफएमजी के लिए इंटर्नशिप की साढ़े सात प्रतिशत सीटों का इंतजाम कराया है। उन्हें सीधे महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के स्तर से सीटें आवंटित की जाएंगी। शासन के नए आदेश के बाद जीएसवीएम कालेज में एमबीबीएस की सीटों बराबर ही इंटर्नशिप की सीटें कर दी गई हैं। पहले यहां 190 एमबीबीएस सीटें थीं, जिन्हें बढ़ाकर 250 कर दिया गया है। हालांकि अभी तक इंटर्नशिप की सीटें 148 थीं। नए आदेश के बाद सीटें 250 हो गई हैं।
शासन के निर्देश पर विदेश से एमबीबीएस करने वालों के लिए साढ़े सात प्रतिशत सीटें आवंटित की गईं हैं। 18 स्टूडेंट्स ने इंटर्नशिप ज्वाइन कर ली है। उन्हें इंटर्नशिप के दौरान मानदेय नहीं दिया जाएगा। उन्हें रखने-खाने का खर्च भी वहन करना होगा। हास्टल खाली होने पर ही उन्हें आवंटित किए जाएंगे।
-प्रो। संजय काला, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कालेज.