कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप हैैंडमेड चीजों के शौकीन हैैं तो आपके लिए 30 जनवरी तक लाजपत भवन मेें क्राफ्टरूट्स की ओर से एग्जीबिशन लगी है। यहां पर आपको घर सजाने से लेकर, भगवान की मूर्ति, कपड़े, ट्वायज, वूडेन आइटम, ज्वैलरी और बेडशीट रजाई समेत सभी चीजें आपकों एक ही जगह पर मिल जाएंगी। एग्जीबिशन की खासियत यह है कि यहां पर मिल रहे सभी प्रोडक्ट्स को हाथों की कारीगरी से बनाया गया है। यहां 21 स्टेट्स से हस्तशिल्प कलाकारों ने 100 से अधिक स्टाल लगाकर अपनी आर्ट को दिखाने का काम किया है। सैटरडे को यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने एग्जीबिशन में आकर शापिंग की। फ्राइडे को यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर नंद गोपाल नंदी ने एग्जीबिशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएसजेएमयू के वीसी प्रो। विनय पाठक, एचबीटीयू वीसी प्रो। समशेर और सीएसए वीसी डॉ। आनंद कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

उड़ीसा की साड़ी छाई
एग्जीबिशन में हरियाणवी जूती और चप्पल के स्टॉल्स पर लेडीज की जमकर भीड़ दिखी। लेदर और फैब्रिक से बनी इन प्रोडक्ट्स की कीमत 750 से 1800 के बीच है। इसके अलावा ठंड के मौसम में कश्मीर के स्टॉल पर पशमीना शाल की जमकर डिमांड रही। इसकी कीमत 25000 थी। इसके अलावा कश्मीर के गर्म सूट और साड़ी भी यहां पर है। इसके अलावा उड़ीसा की साड़ी, सूट और दुुुपट्टïे की फैब्रिक और डिजाइन ने सभी को अपनी ओर खींचा। इसकी कीमत 2000 से शुरू है।

तेलंगाना-हिमाचल की ज्वैलरी
ज्वैलरी के मामले में भी अलग अलग स्टेट्स से आए लोगों ने कानपुराइट्स को जमकर अपनी ओर खींचा। यहां पर तेलंगाना की ट्राइबल ज्वैलरी के स्टाल मेें एक से बढक़र एक प्रोडक्ट रहे। इनको आदिवासियों द्वारा बनाया गया है। इनकी कीमत 50 से 2000 रुपए तक है। इसके अलावा सिल्वर और ब्रास से बनी हिमाचल की ज्वैलरी ने भी लोगों को लुभाया। यहां ईयर रिंग, नोज रिंग और नैकलेस समेत कई चीजे हैैं। इनकी कीमत 250 से 4000 के बीच है।

वुडेन ट्वायज और स्टप्लर भी
यहां पर वूड़ेन प्रोडक्ट्स की भी अपनी एक से बढक़र एक खूबियां है। गुजरात सूरत के स्टाल पर वूडेन स्टप्लर, कटर, इंचीटेप, कप होल्डर और पिगी बैैंक समेत कई चीजें हैैं। इसके अलावा बनारस के स्टाल पर वूडेन ट्वायज हैैं। यहां पर बच्चों के खेलने के लिए प्लास्टिक में आने वाले खिलौनों को वूडेन से बनाया गया है।

गोट लेदर, मेटल के लैैंप भी
घर को सजाने के लिए लैैंप में भी यहां एक से बढक़र एक वैरायटी हैैं। आंध्र प्रदेश के कलाकारों ले गोट लेदर से बने लैैंप के स्टाल को लगाया है। इसके अलावा दिल्ली से आए कलाकारों ने मेटल में छोटे से लेकर बड़े लैैंप्स को लगाया है। इनकी कीमत 250 से 11 हजार तक है।

कपड़ों का पर्स और बैग
उड़ीसा से आए कलाकारों ने यहां पर कपड़ों से बने प्रोडक्ट्स का स्टाल लगाया है। यहां पर मेल वालेट और फीमेल पर्स को कपड़े से बनाया गया है। हर एक प्रोडक्ट पर उड़ीसा से जुड़े पटचित्रों को भी बनाकर प्रोडक्ट वैल्यू बढ़ाई गई है। इसके अलावा राजस्थान का पटवा क्राफ्ट और मिनिचर वूड भी बेहतर हैैं।

इन स्टेट्स से आए कलाकार
यूपी, एमपी, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, अरुणांचल प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और वेस्ट बंगाल समेत 21 स्टेट्स से कलाकारों ने आकर अपने अपने स्टॉल लगाए हैैं।

आर्ट सभी को नहीं आती
आर्ट एक विशेषता है, यह सभी को नहीं आती। गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पाटन में मैं विधायक के रूप में 10 साल रही, वहां पर पटोला बनता था। एक-एक पटोला के कीमत 2-3 लाख रुपये होती थी। फिर मैंने सोचा कि इसमें ऐसी क्या खासियत है जो इतना महंगा है तो फिर मैं उनके घर गई और जाना की धागा कहां से लाते हैं, कैसे बनते हैं, कलर कैसे प्रयोग करते हैं .आज मेरी बेटी अनार बेन पटेल ने हस्तशिल्पकारों के लिए जो काम किया उसके लिए मैं बहुत खुश हूं और करीब 25000 लोगों को वह काम दे रही है। कई ऐसे परिवार है जो क्राफ्ट को प्यार करते हैं, क्योंकि इसके साथ उनका हुनर जुड़ा हुआ है, गरीब जुड़े हुए हैं। यदि गरीब को पैसा मिलेगा तो वह बच्चों को भी पढ़ाएगा।