कानपुर(ब्यूरो)। नगर निगम के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 30 हजार नई प्रापर्टी नगर निगम के हाउस टैक्स के दायरे में आ गई । जिससे मिलने वाले हाउस टैक्स से न केवल नगर निगम का खजाना बढ़ेगा बल्कि शहर में विकास कार्यों की रफ्तार भी बढ़ेगी। बढ़ी हुई प्रापर्टी से मिलने वाले टैक्स से कानपुराइट्स के लिए रोड व फुटपाथ चमकाने, पार्को का ब्यूटीफिकेशन के अलावा वाटर लॉगिंग सहित कई समस्याओं का निदान भी नगर निगम कर सकेगा। उसे शासन से बजट मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

चिन्हित की जा रही प्रॉपर्टी
अब तक शहर में चार लाख बीस हजार प्रापर्टी नगर निगम के हाउस टैक्स के दायरे में थी। लगातार आबादी और कॉमर्शियल एक्टिविटीज बढऩे के चलते नगर निगम ने पूरे शहर का सर्वे वार्ड वाइज शुरू कराया। जिससे नई प्रॉपर्टीज चिन्हित हो सकें। हालांकि अभी 69 वार्डो के सर्वे का काम पूरा हो चुका है। जबकि 110 वार्डो में जीआईएस सर्वे कम्प्लीट होने के बाद प्रापॅर्टीज की संख्या 5 लाख पहुंचने के दावे किए जा रहे हैं। इसमें पहले की तुलना में एक्स्ट्रा कंस्ट्रक्शन, रेजीडेंशियल से कामार्शियल की गई प्रॉपर्टी आदि शामिल नहीं है।

जोनल पांच में सबसे ज्यादा
नगर निगम ऑफिसर के अनुसार जीआईएस सर्वे का काम लगातार चल रहा है। अब तक 69 वार्डो में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इम्प्लाइज के मुताबिक सबसे ज्यादा जोन पांच के वार्ड 50 में नई प्रापर्टी की संख्या बढ़ी है। वहीं सभी जोनों की बात की जाए तो करीब 30 हजार फ्लैट व मकान ऐसे हैं जो पहली बार सर्वे में नगर निगम के हाउस टैक्स के दायरे में शामिल हुए हैे। इसमें वह प्रॉपर्टी नहीं शामिल हैं, जिनमें पहले की तुलना अधिक फ्लोर बन गए हैं या फिर मकानों में दुकान-शोरूम आदि बना लिए हैं। इनकी संख्या भी हजारों में है।

पिछले साल 270 करोड़
नगर निगम एरिया रेंटल वैल्यू से हाउस टैक्स फिक्स करता है। पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 4 लाख 20 हजार प्रापर्टी से नगर निगम ने 270 करोड़ रुपये हाउस टैक्स के रूप में वसूली थी। इस बार प्रापर्टी की संख्या बढऩे से उम्मीद जताई जा रही है कि कुल 6 लाख प्रापर्टी से हाउस टैक्स वसूला जाएगा। जिससे नगर निगम की होने वाली इनकम में बड़ा इजाफा की संभावना है।

बजट की नहीं होगी परेशानी
नगर निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स से मिलने वाली रकम में इजाफा होने के साथ कानपुराइट्स के बुनियादी सुविधाओं का भी विकास और ज्यादा होगा। उन्हें अच्छी रोड के साथ-साथ सुंदर पार्क, पक्की नाली, वॉटर लॉगिंग से छुटकारा, सफाई जैसे तमाम अच्छी सुविधा भी उपलब्ध हो सकेंगी। नगर निगम को इन समस्याओं के हल के लिए शासन के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। नगर निगम का खजाना भरा होने की वजह से वह आसानी से शहर की समस्याओं का हल कर सकेंगे। सिटी में जरूरत के मुताबिक नए-नए डेवलपमेंट वक्र्स कर सकेंगे।


नगर निगम में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। करीब 69 वार्डो में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हाउस टैक्स के दायरे में कई नई प्रापर्टी भी शामिल हुई है। जल्द ही सर्वे का काम पूरा होने पर इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।

-अनिरुद्ध कुमार, मुख्य गृह कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम