कानपुर (ब्यूरो) नगर निगम स्मार्ट सिटी के ऑफिसर्स ने बताया कि कानपुर नगर निगम अब हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस होगा। थ्री डी मैपिंग करने के लिए ड्रोन की मदद से सिटी की हाई डेफिनेशन इमेजेस निकाली जा रही है और साथ ही लाइट इमेजिंग डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) सेंसर से युक्त मोबाइल स्ट्रीट इमेजरी वाहन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे जोन-5 से शुरू करा दिया गया है। इसके तहत अब हाईटेक कैमरों से पूरे इलाके का रोड, बिल्डिंग, ग्र्रीनरी, एनक्रोचमेंट, जलभराव समेत अन्य व्यवस्थाओं और परेशानियों को ड्रोन के हाईटेक कैमरों से थ्री डी मैपिंग की जा रही है।

आईसीसीसी से जुड़ेगी थ्री डी मैपिंग
स्मार्ट सिटी के मुताबिक, इस लाइट इमेजिंग डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) से सिटी को बेहतर तरीके से डेवलप करने की प्लानिंग में मदद मिलेगी। साथ ही आज दिनों में कई ऐसी प्रॉपर्टी है, जिनका टैक्स रेजीडेंशियल का आ रहा है, लेकिन यूज कॉमर्शियल में हो रहा है। इससे टैक्स वूसली में भी काफी फर्क पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने के बाद इंट्रीगे्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से जोड़ा जाएगा, ताकि जरूरत पडऩे पर सिटी के किसी भी हिस्से को तत्काल देखा जा सके। ऐसा प्लान भी बन रहा है जिसमें इस थ्री डी मैपिंग को सॉफ्टवेयर के जरिए लोग भी मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर इसे देख सकेंगे।

थ्री डी मैपिंग पर खर्च 1.70 करोड़
वर्ष 2022 में नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने लिडार टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट के साथ नगर निगम में बैठक कर थ्री-डी मैप का प्रजेंटेशन देखा था। कंपनी में नवी मुंबई में बने थ्री डी मैप को दिखाया। नगर आयुक्त को बताया था कि इस मैप से यह भी पता लग जाएगा कि कितने लोग हाउस टैक्स नहीं जमा कर रहे हैं। इसके अलावा सिटी की डेवलपमेंट प्लानिंग तैयार करना, ग्रीनरी परसेंट, एनक्रोचमेंट समेत अन्य जानकारियों की थ्री डी मैपिंग होगी। खास बात यह है कि यह मैपिंग होने के बाद अगर कहीं भी आग या फिर किसी तरह की अनहोनी होती है, तो मैपिंग की मदद से मौके पर जल्द से जल्द फोर्स भेजी जा सकती है। इस मैपिंग पर लगभग 1.70 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है।

इसलिए शुरू हुई थ्री डी मैपिेंग
स्मार्ट सिटी के ऑफिसर्स ने बताया कि लिडार सेंसर के माध्यम से सिटी के हर इलाके का ऑनलाइन डाटा मौजूद रहेगा। साथ ही कई ऐसी इमारत है, जो रेजीडेंशियल टैक्स देते हैं, लेकिन कॉमर्शियल यूज हो रहे हैं। साथ ही सिटी को डेवपल करने की प्लानिंग में भी काफी मदद मिलेगी।

ये होगा फायदा
्र- थ्री डी मैप से एक-एक इमारत का ऑनलाइन नक्शा तैयार होगा
- आग लगने या किसी भी अनहोनी पर फौरन पहुंचा जा सकेगा
- सिटी को डेवलप करने में आसानी होगी
- सडक़ों के चौड़ाई, लंबाई से लेकर एनक्रोचमेंट के बारे में जानकारी रहेगी
- हाउस टैक्स की चोरी करने वालों पर लगाम लगेगी
- रेजीडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टियों को पता लग जाएगा
- प्रापर्टी टैक्स में नगर निगम की आय बढ़ेगी
- सिटी की ग्रीनरी से लेकर जलभराव तक का रिकार्ड रहेगा
- शहर के पुल, तालाब व खाली पड़े स्थानों की जानकारी होगी
फैक्ट फाइल
- 2022 मई में प्रोजेक्ट बनाया गया
- 2022 सितंबर में प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई
- 06 महीने से किसी वजह से लटका रहा काम
- 03 महीने में अब प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य
- 1.70 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट पर आएगा खर्च
- 2022 जून तक कंप्लीट होगी थ्री डी मैपिंग