कानपुर (ब्यूरो) 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शहर में भड़के दंगे में 127 सिखों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, जिसने कि फाइनल रिपोर्ट लगे नौ मुकदमों की पुनर्विवेचना की। डीआईजी एसआईटी बालेंदु भूषण ने बताया कि जिन नौ मामलों की जांच हो रही है, उसमें निराला नगर हत्याकांड भी शामिल है। दंगाईयों ने निराला नगर में तीन सिखों को ङ्क्षजदा फूंक दिया था और उनके घरों में लूटपाट भी की थी।

घाटमपुर का रहने वाला
इस मामले में घाटमपुर के कजियाना निवासी मोहम्मद अली उर्फ मुन्ना करिया और उसके दो साथी भी चिन्हित हुए थे। तीनों की लोकेशन लंबे समय से दादर नगर हवेली में थी। आरोपियों के बारे में जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी शिवप्रताप ङ्क्षसह की टीम दादर नगर हवेली पहुंची और मोहम्मद अली को गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी एसआईटी ने बताया कि आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर लाया जा रहा है, जिसे स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। मोहम्मद अली को मिलाकर एसआईटी ने अब तक 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

एसआईटी का नहीं बढ़ा कार्यकाल
सिख विरोध दंगा के लिए बनी एसआइटी का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो गया। एसआइटी के कार्यकाल को एक महीने और बढ़ाने के लिए शासन से अनुरोध किया गया है। हालांकि वहां से अब तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है।