-रविवार को महाराजपुर में डंफर की चपेट में बाइक सवारों की हुई शिनाख्त

-नरवल में रहने वाले थे दोनों बाइक सवार, बहन से मिलकर घर जा रहा थे

-बाइक सवार एक युवक की अगले महीने शादी थी, दस दिन पहले खरीदी थी बाइक

KANPUR : महाराजपुर में अवैध खनन की बलि चढ़े बाइक सवार करीबी दोस्त थे। उनमें से एक युवक के सिर पर अगले महीने शादी का सेहरा बंधना था, लेकिन उससे पहले ही अवैध खनन से जुड़े डंफर ने उसकी दोस्त समेत जान ले ली। पुलिस ने शिनाख्त कर दोनों के परिजनों को जानकारी दी तो घर में कोहराम मच गया। परिजन खनन माफियाओं के साथ ही इसके लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन को कोस रहे हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले ही अवैध खनन से जुड़े डंफर समेत अन्य गाडि़यां सैकड़ों लोगों की जान ले चुके हैं। पिछले तीन महीने में तो यह आंकड़ा पचास तक पहुंच गया है। सवाल है कि इतनी बलि चढ़ने के बाद भी पुलिस और प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?

बहन से मिलने जा रहे थे

महाराजपुर हादसे में बाइक सवार राजेश प्रजापति (26) और बलवीर (36) की मौत हुई है। दोनों बड़ी पाली गांव के रहने वाले थे। दोनों के पिता किसान हैं। राजेश के परिवार में पिता राम औतार, मां उर्मिला, दो भाई और पांच बहने हैं। वो चौथे नम्बर का था। वहीं, बलवीर के परिवार में पिता राम आसरे, मां कमला, दो भाई और तीन बहन हैं। शिवली में राजेश की बहन आरती का ससुराल है। रविवार को राजेश दोस्त बलवीर के साथ बाइक से बहन से मिलने गया था। वे शाम को घर लौट रहे थे कि जोधपुर में वे हादसे का शिकार हो गए। उनको तेज रफ्तार डंफर ने बाइक में पीछे से टक्कर मारकर रौंद दिया।

वकील और टीएसआई की भी मौत

हादसे में मरे राजेश की अक्टूबर में शादी होनी थी, उसकी खागा में शादी तय हुई थी। 8 अक्टूबर को उसका तिलक समारोह होना था, लेकिन उससे पहले वो अवैध खनन की बलि चढ़ गया। उसने दस दिन पहले बाइक खरीदी थी। इससे पहले भी अवैध खनन से जुड़े डंफर सैकड़ों लोगों की जान ले चुके हैं। पिछले महीने में ही रामादेवी फ्लाई ओवर में अवैध खनन की मौरंग से लोड डंफर ने टीएसआई और वकील को मौत के घाट उतार दिया था। इसके साथ ही औसतन हर दिन डंफर या ट्रक में एक युवक की जान जाती है, जिसमें ज्यादातर डंफर या ट्रक अवैध खनन से जुड़े हैं।

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भ्रष्ट सिस्टम है मौत का जिम्मेदार

वैसे तो यह देखने में सामान्य हादसा लग रहा है, जबकि सच्चाई है कि यह हादसा भ्रष्ट सिस्टम की वजह से हुआ है। आपको मालूम है कि अवैध खनन पर प्रतिबंध है। इसके बाद भी महाराजपुर थानाक्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। पुलिस और प्रशासन को भी इसके बारे में मालूम है, लेकिन वे खनन की काली कमाई के लालच में आंख बंद किए बैठे हैं। मीडिया या अन्य किसी का दबाव पड़ने पर वे कार्रवाई तो करते हैं, लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए। इसी वजह से इस एरिया में अवैध खनन बंद नहीं हो रहा है। इन्हें रोकने की जिम्मेदारी आरटीओ, पुलिस और प्रशासन की होती है, लेकिन वे काली कमाई के लालच में कार्रवाई ही नहीं करते हैं। अगर वे ईमानदारी से काम करते तो न माफिया खनन करने की हिम्मत जुटा पाते और न ही खनन की मिट्टी से लोड डंफर से यह हादसा होता। इसलिए दोनों की मौत का जितना जिम्मेदार डंफर चालक है, उतना पुलिस और प्रशासन भी है।